राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के नेतृत्व में दिल्ली के जहांगीरपुरी का दौरा किया. वह उस पॉइंट पर भी गए जहां से दंगा शुरू हुआ. दौरे के बाद उन्होंने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि इस केस में किसी भी निर्दोष के खिलाफ मामला दर्ज न किया जाए.


आयोग ने प्रशासन की तारीफ की


आयोग ने दोनों समुदायों के बीच बढ़ते तनाव को रोकने में जिला प्रशासन की भूमिका की सराहना करते हुए सभी दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने और आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. प्रतिनिधिमंडल ने डीसीपी उत्तर पश्चिम से भी मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया. आयोग ने दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ एक संयुक्त बैठक भी की और उन्हें नियमित रूप से अमन समिति की मीटिंग आयोजित करने की सलाह दी.


बिना अनुमति निकाला जा रहा था तीसरा जुलूस


राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के बयान के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल को बताया गया कि, हनुमान जयंती के अवसर पर तीसरा जुलूस जिसकी अनुमति नहीं थी, को विश्व हिंदू परिषद (विहिप)/बजरंग दल निकाला गया था. जुलूस के दौरान 2 समूहों के बीच पहले मामूली हाथापाई हुई जो बाद में हिंसक हो गई. इस हिंसा में घायल हुए 9 लोगों में से 8 पुलिसकर्मी थे.


स्थिति अब शांतिपूर्ण, 23 लोग अब तक अरेस्ट


वहीं, दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर दीपेंद्र पाठक ने बताया कि, "जहांगीरपुरी में स्थिति शांतिपूर्ण है और अमन कमेटी से बातचीत की जा रही है. जांच निष्पक्ष तरीके से हो रही है. इस घटना के सिलसिले में अब तक कुल 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और दो किशोरों को भी पकड़ा गया है."


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