जहांगीरपुरी हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दूसरी एफआईआर दर्ज की है. दिल्ली पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल आयोजकों के खिलाफ बिना परमिशन के शोभा यात्रा निकालने को लेकर मामला दर्ज किया है. पुलिस ने 17 अप्रैल को एफआईआर दर्ज की थी. इस एफआईआर में पुलिस ने दावा किया कि शोभायात्रा बगैर पुलिस परमिशन के निकाली गई थी.
उत्तर पश्चिम दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसक झड़पों के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है और सड़कों पर कभी-कभार कुछ स्थानीय लोग ही नजर आते हैं. पूरे इलाके को पुलिस ने घेर लिया है और लोगों को अन्य वैकल्पिक मार्ग अपनाने के लिए कहा गया है.
इससे पहले दिन में दिल्ली पुलिस की जांच टीम जहांगीरपुरी में हिंसा के दौरान गोली चलाने वाले एक व्यक्ति के घर गई थी, जो‘‘मामूली’’ हमले की चपेट में आ गई. स्थानीय लोगों ने बताया कि पथराव में अपराध शाखा के एक अधिकारी को चोटें आईं.
पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा कि उत्तर पश्चिमी जिला पुलिस की एक टीम संदिग्ध के घर सीडी पार्क रोड में उसके परिवार के सदस्यों की तलाशी और जांच के लिए गई थी. उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवार के सदस्यों ने पुलिस की टीम पर दो पत्थर मारे. कानूनी कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है. अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है.’’
इस बीच, अपराध शाखा के अधिकारी घटना के संबंध में दुकानों से सीसीटीवी कैमरों के फुटेज एकत्र करते देखे गए. सी ब्लॉक में एक दुकान की मालिक रोशन को पुलिस ने दुकान खोलने के लिए बुलाया ताकि सीसीटीवी फुटेज लिया जा सके. रोशन की दुकान मस्जिद से थोड़ी दूरी पर स्थित है.
पुलिस के आने का इंतजार करते हुए दो बच्चों की मां 50 वर्षीय रोशन ने कहा, ‘‘हम डरे हुए हैं. आगे क्या होगा. घटना के बाद हमने अपनी दुकान बंद कर दी. हम पास में ही रहते हैं. हमें पुलिस ने दुकान खोलने के लिए बुलाया ताकि सीसीटीवी फुटेज लिया जा सके.’’ पुलिस ने अवरोधकों के पास तंबू लगा दिया है.
हालांकि, मस्जिद से करीब 200 मीटर दूर जी ब्लॉक में कुछ दुकानें खुली देखी गईं. शनिवार को जी ब्लॉक में भी विरोध प्रदर्शन की खबरें आई थीं. पालतू जानवरों के लिए जरूरत का सामान बेचने वाले राजेश मिश्रा ने कहा, ‘‘पुलिस ने हमें दुकानें खोलने से नहीं रोका है. लोग डरे हुए हैं इसलिए उन्होंने दुकानें बंद कर रखी हैं.’’
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता की और बताया कि जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में अब तक दोनों समुदायों के 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी वर्ग, पंथ या धर्म के हों.
उन्होंने कहा कि कुछ लोग स्थिति को तनावपूर्ण बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने सभी लोगों से इन पर ध्यान नहीं देने की अपील की. शनिवार को हुई झड़पों की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है और जांच को आगे बढ़ाने के लिए 14 टीमों का गठन किया गया है.
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