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‘लोगों को पीटने के लिए होता है 'जय श्रीराम' नारे का इस्तेमाल, ये बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा’- अमर्त्य सेन
अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का ये बयान ऐसे समय आया है जब देश के कई राज्यों में ‘जय श्री राम' नारे की आड़ में भीड़ द्वारा मुस्लिम लोगों को पीटा गया है.
![‘लोगों को पीटने के लिए होता है 'जय श्रीराम' नारे का इस्तेमाल, ये बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा’- अमर्त्य सेन Jai Shri Ram is now used to beat up people says Nobel laureate Amartya Sen in Kolkata ‘लोगों को पीटने के लिए होता है 'जय श्रीराम' नारे का इस्तेमाल, ये बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा’- अमर्त्य सेन](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/07/06091807/Amartya-720.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कोलकाता: नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा है कि ‘मां दुर्गा’ के जयकारे की तरह ‘जय श्रीराम’ का नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है और इसका इस्तेमाल ‘‘लोगों को पीटने की बहाने’’ के तौर पर किया जाता है. सेन ने जादवपुर विश्वविद्यालय में कहा कि ‘मां दुर्गा’ बंगालियों के जीवन में सर्वव्याप्त हैं.
'मां दुर्गा हमारी जिंदगी में मौजूद हैं'
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी चार साल की पोती से पूछा कि उसके पसंदीदा भगवान कौन है? उसने जवाब दिया कि मां दुर्गा. मां दुर्गा हमारी जिंदगी में मौजूद हैं. मुझे लगता है कि जय श्रीराम जैसा नारा लोगों को पीटने के लिए आड़ के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.’’
राम नवमी के बारे में पहले कभी नहीं सुना- अमर्त्य सेन अमर्त्य सेन ने आगे कहा, ‘‘जय श्री राम नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है.’’ उन्होंने कहा कि आज कल राम नवमी ‘लोकप्रियता हासिल’ कर रही है और उन्होंने पहले कभी इसके बारे में नहीं सुना था. ‘जय श्री राम' नारे को लेकर देश के कई राज्यों में हिंसा बता दें कि अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का ये बयान ऐसे समय आया है जब देश के कई राज्यों में ‘जय श्री राम' नारे की आड़ में भीड़ द्वारा मुस्लिम लोगों को पीटा गया है. पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस नारे को लेकर काफी विवाद और हिंसा हो चुकी है. हाल ही में झारखंड के सरायकेला खरसावां में तबरेज अंसारी नाम के एक युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी. घटना की एक वीडियो के मुताबिक, कुछ लोग तबरेज़ से जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ के नारे लगवा रहे हैं. यह भी पढ़ें- बजट का पहला साइड इफेक्ट आज से, ड्यूटी बढ़ने से करीब 2.5 रुपए महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मोदी, देश भर में BJP सदस्यता अभियान की करेंगे शुरुआत BUDGET 2019: मिडिल क्लास का हाथ खाली, अमीरों पर भारी, गरीबों की उम्मीदें बढ़ाने वाला बजट World Cup: सेमीफाइनल में आत्मविश्वास के साथ जाना चाहेगा भारत, श्रीलंका से मुकाबला आजNobel laureate Amartya Sen in Kolkata: I haven't heard Jai Shri Ram earlier. It is now used to beat up people. I think it is has no association with Bengali culture. Nowadays, Ram Navami is celebrated more in Kolkata which I haven't heard earlier. (July 5) pic.twitter.com/s10MPWj9un
— ANI (@ANI) July 6, 2019
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