RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (26 फरवरी) को आचार्य विद्यासागरजी महाराज को देश की बड़ी पूंजी और सच्चा देशभक्त बताते हुए कहा कि दुनिया को उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए. भागवत ने नागपुर के चिटनिस पार्क में आचार्य विद्यासागरजी महाराज के समाधि महोत्सव के तहत आयोजित 'विनयांजलि सभा' में यह बयान दिया. इस कार्यक्रम का आयोजन श्री दिगंबर जैन परवार मंदिर ट्रस्ट और सकल जैन समाज द्वारा किया गया था.
मोहन भागवत ने कहा, 'विद्यासागरजी महाराज के दर्शन मात्र से अनगिनत लोगों के जीवन में स्थिरता आ जाती थी. वह वास्तव में एक देशभक्त थे. उन्होंने समय-समय पर आध्यात्मिकता से लेकर देश के विकास तक विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया और सभी को एक रास्ता दिखाय. विश्व को उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विद्यासागरजी हमेशा देश को भारत कहते थे न कि 'इंडिया'.
18 फरवरी को किया गया था अंतिम संस्कार
जैन धर्म के प्रमुख गुरु जैन मुनि विद्यासागरजी महाराज ने छत्तीसगढ़ के डोगरगंढ़-राजनादगांव में अपना देह त्याग दिया, जिसके बाद 18 फरवरी को उनका अंतिम संस्कार किया गया. इनका जन्म 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा के दिन कर्नाटक के बेलगांव में हुआ था. विद्यासागर ने 22 साल की उम्र में अपना घर-परिवार छोड़ दिया था. इसके बाद विद्यासागरजी महाराज ने 30 जून 1968 को अजमेर में अपने गुरु आचार्य श्रीज्ञानसागर जी महाराज से दीक्षा ली थी. जिसके बाद इन्होंने कठोर तपस्या की.
विद्यासागर जी महाराज के देह त्यागने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे. यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा. पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी.
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