नई दिल्ली: जैन मुनि तरुण सागर का निधन हो गया. उन्होंने 51 साल की उम्र में दिल्ली में आज सुबह आखिरी सांस ली. वे पीलिया की बीमारी से ग्रसित थे. उनकी अंतिम यात्रा दिल्ली के राधेपुरी से शुरू होगी और अंतिम संस्कार दिल्ली से 25 किलोमीटर दूर तरुणसागरम तीर्थ में दोपहर 3 बजे होगा. जैन मुनि तरुण सागर अपने कड़वे प्रवचनों के लिए मशहूर थे. उनके प्रवचन इसी नाम से किताब की शक्ल में प्रकाशित भी किए गए हैं. उनका जन्म 26 जून 1967 को मध्य प्रदेश के दमोह में हुआ था, उन्होंने 14 साल की उम्र में दीक्षा ली थी.
जैन मुनि के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दुख प्रकट किया है. प्रधानमंत्री ने उनके साथ की पुरानी तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट कर कहा कि जैन मुनि तरुण सागर के निधन पर गहरा दुख हुआ है. हम उन्हें उनके उच्च विचारों और समाज के लिए योगदान के लिए याद करेंगे. उनके विचार लोगों को प्रेरित करते रहेंगे.
वहीं राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, ''जैन मुनि श्रद्धेय तरुण सागर जी महाराज के असामयिक महासमाधि लेने के समाचार से मैं स्तब्ध हूँ. वे प्रेरणा के स्रोत, दया के सागर एवं करुणा के आगार थे. भारतीय संत समाज के लिए उनका निर्वाण एक शून्य का निर्माण कर गया है. मैं मुनि महाराज के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.''
तरुण सागर जैन धर्म के दिगंबर संप्रदाय के धर्मगुरु थे. वो अपने प्रवचनों में परिवार, समाज और राजनीति से जुड़े कई ऐसे मुद्दों पर बोलते थे, जिनपर आम तौर पर दिगंबर जैन संप्रदाय के दूसरे धर्मगुरू बात करना पसंद नहीं करते. अपने इन बयानों की वजह से वो कई बार खबरों की सुर्खियों में भी रहते थे.