Jains Protest: झारखंड सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से जैन समाज के तीर्थ राज सम्मेद शिखरजी को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने के निर्णय का जैन समाज लगातार विरोध कर रहा है. इसको लेकर दिल्ली के ऋषभ विहार जैन मंदिर में संजय जैन आमरण अनशन कर रहे हैं. संजय जैन का कहना है कि पूरा तीर्थ स्थल जैन समाज का है और सरकार उसे तीर्थ स्थल घोषित करे और पर्यावरण रूप से संरक्षण दे.
विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि झारखंड और केंद्र सरकार के बीच एक बॉल दोनों तरफ फेंकी जा रही है. ये स्वीकार नहीं है. अगर झारखंड सरकार दोनों गजट निकालती तो हम निश्चित रूप से झारखंड सरकार से लड़ते. अब 20 और 23 दिसंबर को वन मंत्रालय (Forest Ministry) ने झारखंड सरकार (Government of Jharkhand) को पत्र लिखा है कि आपने ये अनुशंसा की थी. मेरा सवाल है कि जब आपने (केंद्र ने) इनिशियल (initial) और (फाइनल) Final दोनों गजट जारी किए, तो आप इसमें अमेंडमेंट (amendment) क्यों नहीं करना चाह रहे हैं? इनिशियल (initial) गजट के तहत आपत्ति या सुझाव नहीं लिया गया, यानी ये एक चीटिंग है, साजिश है.
संजय जैन ने कहा कि हमारे तीर्थ को लूटने की साजिश है, एक भाग हमारा बताकर पूरा पर्वत लूटने की साजिश है. ये कौन लोग हैं, उसका पता चलना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि झारखंड सरकार उसे पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित करे, ताकि संरक्षण किया जा सके, हमारे पर्वत राज पर खनन हो रहा है, पर्वत राज दरक रहा है.
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि पर्वत का पर्यावरण रूप से संरक्षण हो. ये पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित हो. इसके अलावा गजट नोटिफिकेशन से पारसनाथ हिल और मधुवन के कोआर्डिनेट को बाहर करें.
रुचि जैन ने कहा तीर्थ राज को पर्यटन स्थल बना रही सरकार
वहीं संजय जैन के साथ अनशन कर रहीं रुचि जैन ने कहा कि सरकार तीर्थ राज को पर्यटन स्थल बना रही है. कल की क्या गारंटी है कि वैष्णो देवी और अमरनाथ को इसी तर्ज पर पर्यटन स्थल नहीं बनाया जाएगा. वहां पर मांसाहार की बिक्री हो रही है. सरकार को कौन सी पैसों की कमी पड़ गई है जो ऐसा हो रहा?
उन्होंने कहा कि झारखंड के सीएम (CM Of Jharkhand) कहते हैं कि वहां पर शिमला और कसोल जैसी संभावना दिखाई पड़ती है. अनशन कर रहे संजय और रुचि ने कहा कि सम्मेद शिखर हमारे प्राण हैं. हमें उस समाज में जीवित नहीं रहना जहां तीर्थ राज सम्मेद शिखर की कोई अहमियत नहीं है. हमारा अनशन तब तक चलेगा जब तक सरकार लिखित में नहीं देती कि वो पूरा क्षेत्र जैन समाज का पवित्र स्थल है.
तीर्थयात्रियों ने स्कूली बच्चों को रोका
जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन (सम्मेद शिखर) में हंगामा हो गया. यहां पारसनाथ पर्वत जा रहे कुछ स्कूली बच्चों को दो तीर्थयात्रियों ने न केवल रोका बल्कि बदसलूकी की. आरोप है कि घटना के बाद स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए. बाजार को बंद कराया गया. लोग देर शाम को थाने जा पहुंचे और यहां भी जमकर नारेबाजी की गई.
स्थिति असामान्य होने की आशंका को देखते हुए डुमरी एसडीएम (SDM) प्रेमलता मुर्मू, एसडीपीओ (SDPO) मनोज कुमार, डीएसपी (DSP) संजय राणा के साथ जिला मुख्यालय से अतिरिक्त बल को बुलाया गया. वहीं सदर विधायक सुदिव्य कुमार भी पहुंचे और लोगों से बात की. वार्ता के बाद विधायक के आश्वासन व बच्चों संग बदसलूकी करनेवाले दूसरे प्रदेश के जैन तीर्थयात्रियों के माफी मांगने पर स्थिति सामान्य हो सकी.
10 की बैठक में तय होगी आगे की रणनीति : विधायक
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए विधायक सुदिव्य ने कहा कि स्थानीय लोगों व जैन समुदाय के लोगों के बीच गतिरोध उत्पन्न हुआ था जिसे लेकर बात हुई है. कहा कि पहाड़ सभी का है और इस पर जाने से रोका जाना उचित नहीं है. इससे पहले विधानसभा सत्र के दौरान रांची में जैन समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई थी. उन लोगों ने जनवरी में यहां के मुद्दों को लेकर मधुबन में बैठक करने की बात कही थी.
लोगों का कहना है कि 9 जनवरी तक जैन समाज के ट्रस्टी मधुबन आकर बात नहीं करते हैं तो 10 जनवरी को मधुबन संक्रान्ति मैदान में यहां के लोग जुटेंगे और आगे की रणनीति तय की जाएगी. एसडीएम प्रेमलता मुर्मू ने कहा कि मधुबन में बच्चों संग दुर्व्यवहार करनेवाले दोनों यात्रियों से पूछताछ की गई है. बाकी ग्रामीणों व जैन संस्था के लोगों संग बैठक हुई है. यहां पूरी तरह से शांति है.