(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jaipur Literature Festival: गाने रिक्रिएट करने के सवाल पर बोले संगीतकार शेखर- 'जो चीज बन गईं, उन्हें छूना नहीं चाहिए'
Jaipur Literature Festival: बॉलीवुड के पुराने गाने रिक्रिएट करने के सवाल पर शेखर रविजानी ने कहा- जो चीजें बन गई हैं, उन्हें छूना नहीं चाहिए. जो बन गया वो बन गया, उसे रिमेक नहीं करना चाहिए.
Jaipur Literature Festival: 15वें जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (Jaipur Literature Festival) में बॉलीवुड की मशहूर संगीतकार जोड़ी 'विशाल-शेखर' के शेखर रविजानी (Shekhar Ravjiani) ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में संगीत को लेकर कई बड़ी बाते कहीं. शेखर रविजानी ने कहा कि मैं एक म्यूजिशियन हूं. मैं खुद अपने काम से आनंद महसूस करता हूं और जब ये काम लोगों को बीच जाता है तो अच्छा लगता है. हाल ही में मेरा रंग गाना रिलीज हुआ है. ये मेरा पहला नॉन फिल्म हिंदी पॉप सॉन्ग है. इस गाने को बहुत प्यार मिल रहा है.
मैं एक स्टुडेंट हूं और संगीत से बहुत प्रेम करता हूं- शेखर
शेखर ने कहा कि बॉलीवुड म्यूजिक में बहुत वैराइटी होती है. मैंने हनुमान चालीसा भी गाई है, जो लोगों को बहुत पसंद है. मैं एक स्टुडेंट हूं और संगीत से बहुत प्रेम करता हूं.'' उन्होंने कहा, ''लोगों की प्लेलिस्ट में बहुत ज्यादा टाइम तक टिके रहना भी बहुत बड़ी बात है, क्योंकि उनके पास बहुत सारी च्वाइस हैं. लोग अब बहुत जल्दी एक म्यूजिक से दूसरे म्यूजिक पर शिफ्ट होते हैं. इतने सालों से हमें इतना प्यार मिल रहा है, इसके लिए हम लोगों के शुक्रगुजार हैं. मैं सभी तरह का म्यूजिक सुनता हूं और बनाता हूं. और एक कंपोज़र होने के नाते मैं सबकुछ एक्सप्लौर करता हूं.''
लता जी हमारे साथ हैं और हमेशा रहेंगी- शेखर
लता मंगेशकर के निधन पर शेखर रविजानी ने कहा, ''मुझे दुख है कि मैं उनसे नहीं मिल पाया, लेकिन वह सभी के दिलों में हैं. लता जी कहीं गई नहीं है, वह हम सबके साथ हैं और साथ रहेंगी.'' शेखर ने बताया है कि लता जी का गाना 'लग जा गले' मेरा फेवरिट है. उन्होंने एबीपी न्यूज़ के कैमरे पर गाना भी गाया. जब विशाल से पूछा गया कि क्या वह लता जी का ये गाना कभी रिक्रिएट करेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ''जो चीज बन गई है, उसे छूना नहीं चाहिए. जो बन गया वो बन गया, उसे रिमेक नहीं करना चाहिए.''
यह भी पढ़ें-