नई दिल्ली: कर्नाटक के बाद अब सबकी नजरें नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों पर होगी. राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में होने वाले ये चुनाव सही मायने में 2019 लोक सभा चुनाव का सेमीफाइनल होगा. ज़ाहिर है अब पार्टियां इन चुनावों की तैयारी में लग जाएंगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी मौके का चुनावी फायदा उठाने में माहिर माने जाते हैं. कहा जाता है कि प्रतीकों की राजनीति उनसे बेहतर शायद ही कोई करता है.


ऐसे में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का सुनहरा मौक़ा नरेंद्र मोदी कैसे छोड़ सकते हैं? एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक 21 जून को आयोजित विश्व योग दिवस का मुख्य समारोह जयपुर में आयोजित हो सकता है, जिसमें खुद प्रधामनंत्री भी शरीक हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक अभी जगह को लेकर अंतिम फैसला तो नहीं हुआ है लेकिन योग दिवस समारोह आयोजित करने की रेस में जयपुर सबसे आगे है. इसकी एक बड़ी वजह है यह है कि इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. योग दिवस के बहाने पीएम मोदी अनौपचारिक तौर पर राज्य में बीजेपी की चुनावी तैयारियों का शंखनाद कर सकते हैं.


पांच शहर हैं रेस में


जयपुर के अलावा चार और शहरों के नाम पर भी विचार हो रहा है. इनमें हैदराबाद, देहरादून, मैसूर और लेह शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक हैदराबाद और मैसूर में सम्भावना कम है लेकिन देहरादून और लेह से जयपुर को चुनौती मिल सकती है. प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से 2015 से शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है. 2015 में दिल्ली में जबकि 2016 में चंडीगढ़ और 2017 में लखनऊ में मुख्य समारोह आयोजित किया गया था जिसमें पीएम मोदी भी शामिल हुए थे.


राजनीतिक तौर पर अहम है राजस्थान


बीजेपी के लिए इस साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव काफ़ी अहम होंगे. इन तीनों राज्यों में फिलहाल बीजेपी की ही सरकार है और पार्टी के सामने इन राज्यों में अपना किला बचाने की चुनौती है. 2014 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटें भी बीजेपी की ही झोली में गई थी. ऐसा माना जा रहा है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को सत्ता विरोधी लहर की चुनौती से जूझना पड़ सकता है.