RPF Constable Shooting in Train: जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट ट्रेन में 31 जुलाई की सुबह जब आरपीएफ का जवान अंधाधुध गोलियां बरसा रहा था तो वो पल इतना डरावना था कि लोग डर ब्लैंकेट में छिप गए थे. लोगों ने ब्लैंकेट और चादर में सिर ढक लिया और ऐसे हो गए जैसे उन्हें कुछ पता ही नहीं.


द इंडियन एक्सप्रेस ने घटना के 20 चशमदीद यात्रियों से बात करके जानने की कोशिश की कि उस दिन असल में हुआ क्या था. एक चश्मदीद ने बताया कि वह उस वक्त कोच बी-5 में यात्रा कर रहे थे और अचनाक गोली की आवाज से उठ गए. यात्री ने बताया कि कुछ लोग ऐसा बोल रहे थे कि 'गोली चली' तब बी-6 कोच की तरफ थोड़ा झुके तो देखा कि वहां आरपीएफ के एक जवान ने अपने साथी कर्मी को गोली से मार दी.


डर के मारे यात्रियों ने ब्लैंकेट में छिपा लिया मुंह
ये सब देखकर लोग डर गए और ब्लैंकेट में अपना मुंह छिपा लिया. चश्मदीद का कहना है कि ये घटना सुबह-सुबह की थी इसलिए कोच में अंधेरा और शांति थी. हम आरोपी जवान के कदमों की आवाज सुन पा रहे थे और वह एक कोच से दूसरे कोच तक गया और 10 मिनट बाद फिर से गोली की आवाज आई और उसने कोच नंबर बी-5 और बी-4 के बीच टॉयलेट के पास यात्री अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन भानुपुरवाला को भी गोली से मार दिया.


एएसआई से छुट्टी को लेकर हो रही थी बहस
एक और यात्री ने बताया कि सुबह के तकरीबन 3.45 बजे रहे थे तभी उन्हें दो लोगों के बीच बहस की आवाज आई. ये बहस आरोपी चेतन सिंह और आरपीएफ जवान टीकाराम मीना के बीच हो रही थी. यात्री ने बताया कि उनको गुजरात में वापी रेलवे स्टेशन उतरना था तो वह अपने स्टेशन का इंतेजार कर रहे थे. दोनों जवान चश्मदीद की बगल वाली सीट पर ही बैठे थे. उन्होंने बताया कि आरोपी बार- बार कह रहा था कि उसकी तबियत ठीक नहीं है इसलिए उसे वापी या वालसाड रेलवे स्टेशन पर उतरने दिया जाए. 


उन्होंने बताया कि एएसआई आरोपी से कह रहे थे कि उसने अभी सूरत से ही ड्यूटी शुरू की है तो कैसे उसको जल्दी जाने की इजाजत दें. एएसआई का कहना था कि उन्हें अपने सीनियर अधिकारियों को जवाब देना होगा. यात्री ने बताया कि कुछ और आरपीएफ जवान भी बहस में शामिल हो गए और मामला सुलझाने की कोशिश करने लगे. उन्होंने बताया कि जब वह ट्रेन से उतर रहे थे तो उन्होंने देखा कि सिंह कुछ परेशान सा था और वह टॉयलेट की तरफ को अपना पैर खींच रहा था.


यात्री पर कर दी ओपन फायरिंग
वहीं, एस-6 कोच में जहां एक यात्री असगर अब्बास शेख को मारा गया था, उसी कोच के एक और यात्री ने बताया कि आरोपी ने अब्बास पर ओपन फायरिंग करने से पहले कुछ बात की थी, लेकिन ये नहीं पता कि क्या बात हुई और फिर चेतन वहां से चला गया. थोड़ी देर बाद वह आया और अब्बास को शूट कर दिया.  


यात्रियों से वीडियो बनाने को भी कहा
घटना के एक और चश्मदीद ने बताया कि एक महिला उनके कोच में छिपने के लिए आई और बताया कि आरोपी लोगों से उसका वीडियो बनाने के लिए कह रहा है. बाद में घटना का जो वीडियो सामने आया, उसमें कांस्टेबल गोली चलाते हुए कहा रहा है, 'पाकिस्तान से ऑपरेट हुए ये, और मीडिया यही कवरेज दिखा रही है, उनको सब पता चल रहा है ये क्या कर रहे हैं... अगर वोट देना है, अगर हिंदुस्तान में रहना है तो मैं कहता हूं मोदी और योगी, ये दो हैं.' यात्री ने बताया कि चेतन सिंह मीरा रोड और दहीसर रेलवे स्टेशन पर उतर गया.


मरने वालों में एएसआई के अलावा 3 आम नागरिक भी
इस घटना में मारे गए लोगों में एएसआई टीकाराम मीना, बिहार के मधुबनी के असगर अब्बास अली, महाराष्ट्र के पालघर के नालासोपारा के अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन भानुपुरवाला और हैदराबाद के नामपल्ली के सैय्यद सैफुल्ला शामिल हैं. हादसे के चश्मदीदों का कहना है कि चेतन की अपने एएसआई से छुट्टी को लेकर बहस हुई थी, लेकिन उसने बाकियों को क्यों मारा इसकी जानकारी किसी को नहीं है.


यह भी पढ़ें:
Haryana Violence: धमकी भरे गाने के बोल और भगवा कपड़े पहने बिट्टू बजरंगी का वीडियो वायरल, पुलिस ने दर्ज की FIR