Shootout In Train: बीती 31 जुलाई को तड़के सुबह जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस महाराष्ट्र के पालघर स्टेशन के पास थी, तभी बी-5 कोच फायरिंग से गूंज उठा. चलती ट्रेन में हुए इस शूटऑउट में आरपीएफ के एक एएसआई समेत चार लोगों की मौत हो गई. मारने वाला एक आरपीएफ कांस्टेबल था, जो उसी ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात था. आरोपी कांस्टेबल चेतन सिंह को जीआरपी ने गिरफ्तार कर लिया था. गोलीकांड के चश्मदीद ट्रेन में तैनात अटेंडेंट ने उस दहला देने वाली घटना के बारे में बताया है.
कृष्ण कुमार शुक्ला जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में अटेंडेंट के तौर पर तैनात थे और उनकी ड्यूटी उस दौरान बी-5 कोच में ही लगी थी. शुक्ला इस मामले में गवाह भी हैं. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जब उन्होंने आरोपी जवान चेतन सिंह को राइफल के साथ कोच में खड़े देखा, तो इसने मुझे अजमल कसाब की याद दिला दी. शुक्ला बताते हैं कि उस रात उनकी तबियत थोड़ा ठीक नहीं थी, इसलिए वे जल्दी सोने चले गए थे.
गोली मारने के बाद फिर आया वापस
अचानक 5 बजे के करीब तेज आवाज से उनकी नींद खुली, पहले उन्हें लगा कि शायद शॉर्ट सर्किट हुआ है. ये देखने के लिए वे बी-5 कोच में गए तो वहां जो देखा, वो हैरान करने वाला था. चेतन सिंह हाथ में बंदूक लिए खड़ा था, जबकि एएसआई टीकाराम मीणा ट्रेन के फर्श पर गिरे हुए थे. उनके चारों ओर खून फैला हुआ था.
कुछ देर बाद चेतन बी-4 कोच में चला गया. उसके बाद एक यात्री भागते हुए आया, जिसने कृष्ण कुमार शुक्ला को बताया कि आरपीएफ जवान ने एक और को गोली मार दी है. इसके बाद चेतन सिंह दोबारा बी-5 कोच में आया और मीणा की बॉडी के पास कुछ देर तक खड़ा रहा और फिर से बी-4 की तरफ चला गया.
एक-एक कर ली चार लोगों की जान
चेतन सिंह ने एक-एक कर चार लोगों की जान ले ली थी, जिसमें अपने सीनियर टीकाराम मीणा के अलावा तीन यात्रियों- बी-4 कोच में मोहम्मद हुसैन बुरहानपुरवाला, पेंट्री कार में सैयद सैफुल्लाह मोइनुद्दीन और असगर अब्बास शेख की पेंट्री कार में गोली मारकर हत्या कर दी. सुबह करीब छह बजे ट्रेन मीरा रोड स्टेशन के पास यात्रियों ने चेन खींचकर ट्रेन रोकी तो आरोपी ने उतरकर भागने की कोशिश की, लेकिन उसे जीआरपी ने दबोच लिया.
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