जयपुर: राजस्थान के बाड़मेर से इंसानियत को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. बाड़ेमर के चौहटन इलाके में एक स्कूल बस और बाइक की टक्कर में तीन युवक जख्मी हो गए. दो की तो फौरन मौत हो गई लेकिन एक युवक सड़क पर तड़पता रहा, मदद की भीख मांगता रहा. इस जख्मी शख्स को फौरन अस्पताल ले जाने की जरूरत थी लेकिन वहां इकट्ठा लोग मदद करने की बजाए तमाशा देखते रहे.


इनमें से एक बेरहम इंसान ने तो असंवेदनशीलता की सारी हदें तोड़ते हुए मौके पर सेल्फी लेकर और वीडियो बनाना शुरू कर दिया. नतीजतन, थोड़ी देर बाद ही इलाज के बिना जख्मी युवक ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सड़क हादसे में जख्मी के मददगार को सुरक्षा की गारंटी दी है तब भी समाज मदद करने के बजाए सेल्फी खींचने में मशगूल है.


सेल्फी पीड़ित समाज की घिनौनी तस्वीर
सेल्फी से समाज का घिनौना चेहरा सबके सामने लाकर रख दिया है. अपनी तरह की ये पहली घटना नहीं है. ऐसी ही एक घटना में साल 2017 में लखनऊ के किंग जॉर्ज हॉस्पिटल में  घटी थी. यहां तीन महिला कांस्टेबलों की रेप पीड़ित के साथ ली गई सेल्फी वायरल हो गई थी जिसके बाद उन्हें तुरंत सस्पेंड कर दिया गया था.


इसी साल रेलवे ट्रैक पर सेल्फी लेने की कीमत दिल्ली के दो छात्रों को जान देकर चुकानी पड़ी थी. ये बच्चे ट्रेन के सामने खतरनाक स्टंट कर वीडियो सोशल साइट पर अपलोड करना चाहते थे, लेकिन इस चक्कर में उनकी जानें चली गईं. दोनों छात्र मयूर विहार के रहने वाले थे और एक ही क्लास में पढ़ते थे.


ऐसे तमाम घटनाओं की वजह से लगातार एक सवाल बरकरार है कि क्या एक समाज के तौर पर हम बिल्कुल असंवेदनशील हो चुके हैं?


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