नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ तैयार चीनी साइनो वेक टीके के ताजा परीक्षण नतीजों ने ब्राज़ील को डरा दिया है. चीन के जिस टीके को उम्मीदों भरी दवा बनाकर भेजा था वो बीमारी के खिलाफ महज़ 50 फीसद ही कामयाब साबित हुई है. चाइनीज़ टीके के फेज़-3 परीक्षण नतीज़ों के दौरान दावों के मुकाबले बेहद कमज़ोर परिणामों के बीच ब्राज़ील सरकार ने भारतीय टीकों का रुख किया है. इस कड़ी में मंगलवार को ब्राज़ील ने कोवैक्सीन तैयार करने वाली भारत बायोटेक कम्पनी के साथ अनुबन्ध किया है. इसके अलावा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रज़ेनका टीके की आपूर्ति के लिए पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट के साथ भी अनुबंध किया है.


एबीपी न्यूज़ से बातचीत में भारत बायोटेक के वरिष्ठ अधिकारी मुरली ने बताया कि ब्राज़ील सरकार के हेल्थ रेगुलेटर अन्विसा ने सीधे कम्पनी से वैक्सीन खरीदने का फैसला किया है. सरकार को सीधी सप्लाई के अलावा कंपनी ने ब्राज़ील में प्रेसिसा मेडिकामेंटोस कम्पनी के साथ 12 जनवरी को अनुबंध किया है. ब्राज़ील सरकार के मुताबिक निजी कम्पनी के रास्ते होने वाली खरीद को अलग से मंजूरी दी जाएगी. भारत बायोटेक का लक्ष्य फिलहाल ब्राज़ील को आने वाले समय में करीब 1.2 करोड़ टीकों की आपूर्ति का है.


इतना ही नहीं ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेर बालसेनारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोविशील्ड वैक्सीन के 20 लाख डोज़ मुहैया कराने का आग्रह कर चुके हैं. बोलसेनारो ने पीएम मोदी से भारतीय टीकाकरण को प्रभावित किए बिना ब्राज़ील को आपात स्थिति में टीकों की आपूर्ति का आग्रह किया है.


दरअसल, कोरोना मरीजों की बड़ी सँख्या के बीच ब्राज़ील ने चीन की साइनो वेक फार्मा को अपने टीके के फेज़-3 परीक्षण करने की मंजूरी दी गई थी. इसके तहत कई लोगो को टीके लगाए गए थे. ब्राज़ील के साउ पाउलो स्थित बुन्तान इन्स्टिट्यूट ने चीनी कम्पनी साइनो वैक फार्मा के साथ मिलकर फेज़-3 परीक्षण और उत्पादन के लिए समझौता किया था. चाइनीज़ टीकों के शुरुआती नतीजों के आधार पर दावा भी किया गया था कि कोरोना महामारी के खिलाफ तैयार चाइनीज़ टीका कोरोना वैक 78 फीसद तक प्रभावी है. लेकिन ताजा नतीजों ने इन दावों को पलट दिया.


ब्राज़ील मीडिया में बुन्तान इंस्टीट्यूट में क्लिनिकल रिसर्च के मेडिकल डायरेक्टर रिकार्डो पलासियो के हवाले से छपी खबरों के मुताबिक कोरोना वैक की कुल प्रभाविता 50.38 फीसद है. इसमें उन मामलों को भी शामिल किया गया है जिनमें कोरोना का बेहद कम लक्षण नजर आए हैं. इस संदर्भ में ब्राज़ील के हेल्थ रेगुलेटर अन्विसा के पूर्व निदेशक प्रो. गोंजालो वेसिन नेतो ने कहा कि चाइनीज़ वैक्सीन का लेकर टुकड़ों-टुकड़ों में आ रहे डेटा से इस बात की आशंका बढ़ी है कि चीनी टीकों का उस तरह परीक्षण और आकलन नहीं किया गया है जैसा अन्य कोरोना टीकों के साथ किया गया है.


गौरतलब है कि ब्राज़ील के स्वास्थ्य नियामक अन्विसा ने बीते सप्ताह चीनी कोरोना वैक टीके को लेकर बुन्तान इंस्टिट्यूट की तरफ से दाखिल आपात इस्तेमाल का आवेदन पर भी सवाल उठाए थे. अन्विसा के हवाले से आई खबरों में कहा गया कि आवेदन में कई महत्वपूर्ण जानकारियां नहीं दी गई हैं जो आकलन करने के लिए ज़रूरी हैं. साइनो वैक कम्पनी के कोरोना वैक टीके के परीक्षणों में शामिल लोगों की उम्र, लिंग, उनमें पहले से मौजूद स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर जानकारी नहीं दी गई.


वहीं टीके के फेज़-3 ट्रायल से जुड़े रोग-प्रतिरोधकता सम्बन्धी इम्यूनोजेनेसिटी का डेटा भी नहीं दिया गया. महत्वपूर्ण है कि ब्राज़ील दुनिया में कोरोना महामारी के सर्वाधिक प्रभावित मुल्कों में से एक है. ब्राज़ील में कोरोना से मरने वालों की संख्या दो लाख से अधिक है जो अमेरिका का बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है.


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