RTI को इतना कमजोर कर दिया गया कि इसके दायरे में किसी के आने का क्या मतलब- कांग्रेस
CJI के कार्यालय के RTI के दायरे में आने से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा.
नई दिल्ली: CJI के कार्यालय के RTI के दायरे में आने से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि मौजूदा सरकार में RTI कानून को इतना कमजोर कर दिया गया है कि इसके दायरे में किसी के आने-जाने का कोई मतलब नहीं रह गया है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, "सवाल ये नहीं है कि कौन RTI के अंतर्गत आएगा, कौन नहीं आएगा? इस सरकार ने RTI को इतना कमजोर कर दिया है कि इसके दायरे में कोई आए या न आए, कोई फर्क नहीं पड़ता."
उन्होंने कहा, "RTI में जो संशोधन किए गए हैं, उनके खिलाफ संसद के अंदर और संसद के बाहर कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी आवाज उठाई है."
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पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक सवाल के जवाब में कहा, "जहां तक राजनीतिक दलों को RTI के दायरे में लाए जाने का प्रश्न है तो इस पर एक लंबी मंत्रणा चल रही है. हमने पहले भी इस मंच से सरकार को कहा है कि वह अपनी राय सार्वजनिक तौर से जनता के समक्ष रखें, ताकि अलग-अलग राजनीतिक दल उस पर टिप्पणी कर सकें. मोदी जी इससे गुरेज क्यों कर रहे हैं?"
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि CJI का कार्यालय सार्वजनिक प्राधिकरण है और वह RTI कानून के दायरे में आता है.
CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के 2010 के निर्णय को सही ठहराते हुये इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल और शीर्ष अदालत के केन्द्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी की अपील खारिज कर दी.