Jairam Ramesh: 'आरक्षण की सीमा बढ़ाएंगे या नहीं', जयराम रमेश का पीएम मोदी से सवाल, बताया कांग्रेस का प्लान
Jairam Ramesh: जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए आरक्षण फीसदी बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार से सवाल पूछा. उन्होंने अपनी सरकार की ओर से किए गए कामों का भी जिक्र किया.
Jairam Ramesh On Caste Census: लोकसभा चुनाव के चार चरणों की वोटिंग खत्म हो चुकी है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) देश के अलग-अलग हिस्सों में रैलियां कर आरक्षण और जाति आधारित जनगणना को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है. इस बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इन दोनों मुद्दे को लेकर बीजेपी के जवाब दिया. साथ ही उन्होंने साल 2011 में जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय कराए गए जनगणना को लेकर बीजेपी से सवाल भी पूछा.
'आरक्षण के लिए जरूरी है जाति जनगणना'
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "आरक्षण का पूरा हक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों को मिलना है. इसके लिए जाति जनगणना कराना जरूरी है. 2011 में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, उस समय आर्थिक, सामाजिक और जाति जनगणना कराई गई थी. उस रिपोर्ट में जाति को लेकर जो जानकारी सामने आई थी, वो प्रकाशित नहीं हो पाई क्योंकि उसे अंतिम रूप देने में तीन साल का समय लगा गया. इसके बाद केंद्र से हमारी सरकार चली गई और फिर मोदी सरकार ने उसे कभी प्रकाशित नहीं किया."
'सुप्रीम कोर्ट ने कहा था 50 फीसदी आरक्षण जरूरी'
कांग्रेस नेता ने कहा, "मोदी सरकार ने अभी तक अपना स्पष्टिकरण नहीं दिया है कि क्या वो सामाजिक, आर्थिक और जनगणना के पक्ष में है या नहीं. साल 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने मंडल आयोग के संदर्भ में एक निर्णय दिया था, जिसमें कहा गया था कि एससी, एसटी और ओबीसी के लिए 50 फीसदी आरक्षण की सीमा होना जरूरी है."
#WATCH | Congress leader Jairam Ramesh says, "When Manmohan Singh was the Prime Minister in 2011, social, economic and caste census was conducted. However, the information obtained regarding caste was not published. Modi government never published it. Even today the Modi… pic.twitter.com/FDd5pQMVx3
— ANI (@ANI) May 19, 2024
'पीएम बताएं कि वे आरक्षण की सीमा बढ़ाएंगे या नहीं'
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "भारतीय संविधान के 9वीं अनुसूची में सिर्फ तमिलनाडु के आरक्षण का कानून शामिल है. तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण है, लेकिन वह गैर संवैधानिक नहीं है. जब सभी राज्यों में 50 फीसदी की सीमा पार किया जाता है तो उसे गैर संवैधानिक कहा जाता है. संवैधान के खिलाफ कहा जाता है. हमने कहा कि हम 50 फीसदी के सीमा को बढ़ाएंगे. हमारा पीएम मोदी से सवाल है कि क्या आप 50 फीसदी की सीमा को बढ़ाएंगे या नहीं. क्या आप जाति जानगणना कराएंग कि नहीं?"
ये भी पढ़ें : Lok Sabha Elections 2024: राहुल गांधी और अखिलेश यादव की सभा में जमकर हंगामा, भीड़ हुई बेकाबू, बैरिकेडिंग तोड़ी-मची भगदड़