जी20 डिनर के निमंत्रण पत्र पर लिखा 'प्रेजिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'President Of Bharat', कांग्रेस ने लगाए आरोप
G20 Summit In Delhi: 9-10 सितंबर 2023 को राजधानी दिल्ली में G20 समिट का आयोजन भारत की मेजबानी में होने वाला है. इस शिखर सम्मेलन से पहले निमंत्रण पत्र को लेकर बवाल मच गया है.
President Of India Controversy: जी20 समिट के दौरान राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले रात्रि भोज के निमंत्रण पत्र को लेकर विवाद छिड़ गया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति भवन में 9 सितंबर को होने वाले G20 के डिनर के निमंत्रण पत्र में 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा है, जबकि इसपर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया लिखा होना चाहिए.
इस मामले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ''तो ये खबर वाकई सच है. राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए सामान्य 'President Of India' की बजाय 'President Of Bharat' के नाम पर निमंत्रण भेजा है. संविधान के अनुच्छेद 1 में लिखा है कि 'भारत, जो इंडिया है, राज्यों का एक समूह होगा'. लेकिन अब इस 'राज्यों के समूह' पर भी हमला हो रहा है.''
क्यों चर्चा में I.N.D.I.A. शब्द?
दरअसल, मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने मिलकर एक गठबंधन बनाया है जिसका नाम 'I.N.D.I.A' है. विपक्षी गठबंधन के नाम के ऐलान के बाद से ही 'इंडिया' शब्द चर्चा में है. बीजेपी नेता लगातार गठबंधन के नाम को लेकर विपक्ष पर हमलवार हैं.
बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह यादव ने मंगलवार (5 सितंबर) को कहा, पूरा देश मांग कर रहा है कि हमें इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए. अंग्रेजों ने इंडिया शब्द को एक गाली के तौर पर हमारे लिए इस्तेमाल किया, जबकि भारत शब्द हमारी संस्कृति का प्रतीक है. मैं चाहता हूं कि संविधान में बदलाव होना चाहिए और भारत शब्द को इसमें जोड़ना चाहिए.
भारत के संविधान से 'इंडिया' शब्द हटाएगी सरकार?
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है. इस दौरान सरकार कई खास बिल संसद में पेश कर सकती है. न्यूज एंजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों से कहा है कि भारत के संविधान से 'इंडिया' शब्द को हटाना भी मोदी सरकार के एजेंडे में शामिल हो सकता है. संसद के आगामी विशेष सत्र का एजेंडा आधिकारिक तौर पर आना अभी बाकी है.
आपको याद दिला दें, हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने लोगों से 'इंडिया' की जगह 'भारत' नाम इस्तेमाल करने की अपील करते हुए यह कहा था कि इस देश का नाम सदियों से भारत है, इंडिया नहीं और इसलिए हमें इसका पुराना नाम ही इस्तेमाल करना चाहिए.
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