Jairam Ramesh on Money Bills: कांग्रेस ने संसद में कई विधेयकों को धन विधेयक के रूप में पारित किये जाने से जुड़े मामले पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ गठित करने के निर्णय का सोमवार (165 जुलाई 2024) को स्वागत किया और उम्मीद जताई कि मौजूदा चीफ जस्टिस (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के इस साल नवंबर में सेवानिवृत्त होने से पहले इस पर फैसला आ जाएगा.


धन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर लगाया आरोप


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सरकार ने धन विधेयक से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 110 का घोर दुरूपयोग किया है. उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सोमवार को तैयार हो गया, जिनमें राज्यसभा को कथित तौर पर दरकिनार करने के लिए आधार अधिनियम जैसे कानूनों को धन विधेयक के रूप में पारित करने की वैधता को चुनौती दी गई है."


वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के प्रमुख कपिल सिब्बल ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और न्यायूमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से आग्रह किया था कि दलीलें पूरी हो चुकी हैं और याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की जरूरत है. सीजेआई ने कहा, ‘‘जब मैं संविधान पीठ का गठन करूंगा, तब निर्णय लूंगा.’’


'उम्मीद है CJI चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट से पहले होगा फैसला'


जयराम रमेश ने कोर्ट के इस कदम को लेकर एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘पिछले 10 वर्षों में कई विधेयकों को संविधान के अनुच्छेद 110 के तहत धन विधेयक घोषित कर संसद में पारित किया गया है. इसका एक प्रमुख उदाहरण 2016 का आधार अधिनियम है. मैंने इसे धन विधेयक घोषित किये जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और तत्कालीन चीफ जस्टिस ने अपने फैसले में इस घोषणा को संविधान के साथ धोखाधड़ी कहा था. मैंने इस तरह के अन्य मामलों को भी चुनौती दी थी.’’    


उन्होंने कहा, ‘‘2014 से अनुच्छेद 110 के घोर दुरुपयोग पर याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक अलग संवैधानिक पीठ गठित करने का चीफ जस्टिस का आज का फैसला एक स्वागत योग्य कदम है. उम्मीद है कि नवंबर 2024 में उनके सेवानिवृत्त होने से पहले अंतिम निर्णय आ जाएगा.


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