Jairam Ramesh: 'करोड़पति छोड़ रहे भारत, पिछले तीन सालों में...' जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर लगा दिया ये गंभीर आरोप
Millionaires Leaving India: करोड़पतियों के माइग्रेशन के मामले में चीन और ब्रिटेन के बाद भारत तीसरे स्थान पर है. कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार के टैक्स पॉलिसी को लेकर सवाल खड़ा किया है.
Millionaires Leaving India: कांग्रेस महसचिव जयराम रमेश ने माइग्रेशन के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने नए आंकड़ों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "संसद में सामने आए सरकार के अपने आंकड़ों के अनुसार 2022 में 2 लाख 26 हजार भारतीयों ने अपने देश की नागरिकता छोड़ दी. यह 2011 के आंकड़ों के लगभग दोगुना है." उन्होंने बताया कि 2011 में 1 लाख 23 हजार लोगों ने देश की नागरीकता छोड़ी थी.
केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाते हुए कहा, "एक ग्लोबल इंवेस्टमेंट माइग्रेशन एडवाइजरी फर्म ने खुलासा किया है कि पिछले तीन सालों में 17000 से अधिक करोड़पतियों ने भारत छोड़ दिया. इस लोगों की कुल संपत्ति एक मिलियन डॉलर से अधिक है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि टैक्स पॉलिसी और मनमाने टैक्स के कारण भारत के कॉर्पोरेट पिछले 10 सालों से डर और धमकी का सामना कर रहे हैं."
By the Govt's own data revealed in Parliament 226,000 Indians gave up their citizenship in 2022, almost double the 123,000 who did so in 2011.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 21, 2024
Now a leading global investment migration advisory firm has revealed that over 17,000 millionaires--individuals with total assets…
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "भारत के बड़े-बड़े बिजनेस पर्सनालिटी देश छोड़कर सिंगापुर, यूएई, ब्रिटेन और अन्य जगहों पर जाकर बस रहे हैं. इस तरह से पलायन होना चिंता का विषय होना चाहिए."
माइग्रेशन के मामले में भारत तीसरे स्थान पर
इंटरनेशनल इंवेस्टमेंट माइग्रेशन एडवाइजरी फर्म हेनले एंड पार्टनर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 में 4,300 करोड़पति भारत छोड़ देंगे और ये लोग यूएई में बस सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक करोड़पतियों के माइग्रेशन के मामले में चीन और ब्रिटेन के बाद भारत तीसरे स्थान पर है.
रिपोर्ट के अनुसार, करोड़पतियों के मामले में भारत दुनिया में दसवें स्थान पर है, जहां 326,400 एचएनडब्ल्यूआई हैं, जबकि चीन 862,400 के साथ दूसरे स्थान पर है .2013 और 2023 के बीच यूएई में भारतीय करोड़पतियों की संख्या में 85 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
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