नई दिल्ली: न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर के मारे जाने की खबर है. मसूद अजहर को किडनी की बीमारी है. कहा ये भी जा रहा है कि वह भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के दौरान मारा गया. हालांकि अभी कहीं से इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.


मसूद के मारे जाने के पीछे क्या-क्या थ्योरी हैं?

1- भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक में वह बुरी तरह घायल हुआ और बाद में वह मर गया हो.

2- मसूद अजहर को किडनी की बीमारी थी और वह बहुत बीमार था. इस बात की पुष्टि पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी कर चुके हैं. इसलिए वह बीमारी से भी मर सकता है.

3- ये पाकिस्तान की कोई चाल हो और उसने मसूद अजहर को छिपाकर उसके मारे जाने की खबर फैला दी हो. क्योंकि पाकिस्तान को डर है कि मसूद अजहर के खात्मे को लेकर भारत फिर से एयर स्ट्राइक कर सकता है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने क्या कहा था?

बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल ही में बताया था कि मसूद अजहर बहुत बीमार है और वह पाकिस्तान में ही है. जब उनसे पूछा गया कि क्या मसूद पाकिस्तान में हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, "वे पाकिस्तान में ही हैं, वे बीमार हैं, वे इतने बीमार हैं कि अपने घर से बाहर भी नहीं निकल सकते. वे बहुत बीमार हैं."


कौन है मसूद अजहर?


बता दें कि मसूद अजहर का जन्म पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था. उसकी पढ़ाई कराची के जामिया उलूम उल इस्लामिया में हुई और वह हरकत-उल-अंसार से जुड़ गया. और यहीं से उसने आतंकी गतिविधियां शुरू की. वह 1994 के करीब श्रीनगर आ गया. उसे उसी साल फरवरी में गिरफ्तार कर लिया गया और जेल में डाल दिया गया. आतंकियों ने मसूद अजहर को छुड़ाने की कोशिश शुरू की. 1995 में जम्मू-कश्मीर से कुछ विदेशी पर्यटकों को अगवा कर लिया गया. आतंकियों ने पर्यटकों को छोड़ने के बदल मसूद अजहर को जेल से रिहा करने की मांग शुरू की. लेकिन आतंकियों की चंगूल से एक विदेशी पर्यटक फरार हो गया. बाद में आतंकियों ने सभी पर्यटकों की हत्या कर दी.


इसके बाद 1999 में आतंकी मसूद अजहर को छुड़वाने में कामयाब रहे. दरअसल, दिसंबर 1999 में काठमांडू एयरपोर्ट से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नई दिल्ली जाने वाली भारतीय विमान IC814 को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया और विमान को लेकर अफगानिस्तान के कंधार चले गए.


1999 में भारत सरकार ने अजहर समेत तीन आतंकियों को छोड़ा था


विमान में कुल 178 सवार थे. आतंकियों ने यात्रियों को छोड़ने के बदले मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर को रिहा करने की मांग की. पूरे हाईजैक के पीछे मसूद अजहर के छोटे भाई अब्दुल रऊफ असगर का हाथ था. तमाम चर्चाओं के बाद अजहर समेत तीनों आतंकियों को जम्मू की कोट भलवाल कारावास से निकालकर कंधार ले जाया गया. जिसके बाद आतंकियों ने सभी यात्रियों को रिहा कर दिया. मसूद अजहर ने उसके बाद साल 2000 में जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और वह लगातार कश्मीर में युवाओं को भड़काने और आजादी की बात करता रहा है.


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