नई दिल्ली: सुरक्षाबलों ने कश्मीर में एक बड़ी कारवाई करते हुए जैश ए मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के भांजे सहित तीन आतंकियों को मार गिराने का दावा किया है. खास बात ये है कि मारे गए आतंकियों के पास से अफगानिस्तान में नाटो फोर्स की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार बरामद किए गए हैं. थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के मुताबिक, आतंकियों के पास से बरामद नाटो हथियार दिखाते हैं कि कश्मीर में आतंकवाद को सीमा पार से मदद मिल रही है.






एबीपी न्यूज को विश्वसनीय सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, जैश ए मोहम्मद ने कश्मीर के त्राल में अपना हेडक्वार्टर बनाया है. पिछले छह महीने में जैश के करीब 15-20 विदेशी आतंकी (यानि पाकिस्तानी नागरिक ) एलओसी पार कर कश्मीर में दाखिल हुए हैं. ये किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देना चाहते हैं. मसूद अजहर का भांजा तल्हा राशिद भी करीब छह महीने से कश्मीर में मौजूद था. उसका मारा जाना सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी है.


मसूद अजहर पाकिस्तान से ही कश्मीर में जैश ए मोहम्मद को ऑपरेट करता है. भारत संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को 'वैश्विक आतंकवादी' घोषित करना चाहता है लेकिन चीन हर बार अपनी वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर उसमें अड़ंगा लगा देता है.


सेना मुख्यालय के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक,  आतंकियों के पास से जो एम-4 नाटो गन मिली है वो अफगानिस्तान से लाई गई है. ये गन तालिबान ने नाटो फोर्सज़ से छिनी होगी या फिर किसी ऑपरेशन के दौरान तालिबान के हाथ लग गई होगी. इससे पता चलता है कि जैश ए मौहम्मद को तालिबान से मदद मिल रही है. पिछले 25-26 सालों में ये दूसरी बार है कि इस तरह की नाटो गन कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के पास से मिली है. इससे पहले 90के दशक में भी एक बार ऐसी गन कश्मीरी आतंकियों के पास से जब्त की गई थी. सुरक्षाबलों को जैश के आतंकियों की कईं ऐसी तस्वीरें मिली हैं जिसमें आतंकी नाटो और पाकिस्तानी सेना के हथियार लिए हुए हैं.


सूत्रों के मुताबिक, उत्तरी अफगानिस्तान के कई इलाके ऐसे हैं जहां तालिबान का बोलबाला है. उन इलाकों से इन हथियारों को पाकिस्तानी सीमा से फाटा (फेडरल एडमिनिस्ट्रड एरिया) लाया जाता है. वहां से फिर क्वेटा और बन्नू से पीओके लाया जाता है. वहां आईएसआई के कैंप्स में जैश के आतंकियों को ये हथियार दिए जाते हैं. कश्मीर में दाखिल हुए जैश के आतंकी पूरे तरह से ट्रैन्ड (Trained) हैं. आपको यहां ये भी बता दे कि पठानकोट एयरबेस पर हमले के दौरान जो जैश के आतंकी मारे गए थे उनके पास से भी दो दूरबीन नाटो फोर्सेज़ की बरामद हुई थीं.


जानकारी के मुताबिक, इस साल अगस्त के महीने में जैश के दो ग्रुप कश्मीर में दाखिल हुए. एक गुरेज के रास्ते से कश्मीर घाटी में दाखिल हुआ जबकि दूसरा ग्रुप पूंछ के रास्ते पीर-पंजाल की पहाडियों से दक्षिण कश्मीर पहुंचा है.  इन दोनों ग्रुप्स को मिलाकर 15-20 पाकिस्तानी आतंकी दक्षिण कश्मीर पहुंचे हैं. स्थानीय मदद के लिए इन्होनें वहां पर हिजबुल के कुछ कश्मीरी लड़कों को अपने साथ मिला लिया है.


बीती रात पुलवामा के कंडी अगलार में जो एनकाउंटर हुआ उसमें तल्हा राशिद के साथ एक पाकिस्तानी मूल का आतंकी महमूद भाई और एक पुलवामा का स्थानीय आतंकी वसीम मारा गया था. तल्हा राशिद और उसका साथी महमूद भाई भी पाकिस्तान से इन ग्रुप्स के साथ कश्मीर घाटी में दाखिल हुआ था. तल्हा जैश के डिवीजनल कमांडर के तौर पर कश्मीर में ऑपरेट कर रहा था.


जानकारी के मुताबिक, जैश ने अपना हेडक्वार्टर त्राल के घने जंगलों में एक उंची पहाड़ी पर बनाया है. यहां पर जैश को स्थानीय मदद काफी मिल रही है.  साथ ही घने जंगलों  में सुरक्षाबलों के लिए उनतक पहुंचना मुश्किल है. साथ ही ये इलाका आडूघाटी और चंदनवाड़ी से लगा हुआ है. इसलिए सुरक्षाबलों को चकमा देना यहां थोड़ा आसान है.


पिछले कुछ समय में जैश ने कश्मीर घाटी में दो बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया है. पहला पुलवामा में पुलिस लाइन पर और दूसरा श्रीनगर एयरपोर्ट के करीब बीएसएफ कैंप पर. इस बीच मीडिया से बातचीत करते हुए थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि कश्मीर से आतंकवाद का सफाया किया जायेगा चाहे फिर वो मसूद अजहर से जुड़ा हो या फिर किसी और से. साथ ही उन्होनें कहा कि कश्मीर में नाटो हथियारों की बरामदगी दिखाता है कि कश्मीर में आतंकवाद को सीमापार से मदद मिल रही है.