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जयशंकर ने कहा- भारत की मौजूदा सरकार को अलग तरह से पेश करने की हो रही राजनीतिक कोशिश
जयशंकर ने कहा- मेरा मानना है कि आप जो भारत में देख रहे हैं वह कई मायनों में लोकतंत्र का और गहरा होना है, या यूं कहें कि यह लोगों का राजनीति, नेतृत्व के पदों और समाज में व्यापक प्रतिनिधित्व है.राष्ट्रपति जो बाइडन के जनवरी में पद संभालने के बाद से यह किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री का पहला अमेरिका दौरा है.
![जयशंकर ने कहा- भारत की मौजूदा सरकार को अलग तरह से पेश करने की हो रही राजनीतिक कोशिश Jaishankar says there is a political effort to depict our current government in a certain way जयशंकर ने कहा- भारत की मौजूदा सरकार को अलग तरह से पेश करने की हो रही राजनीतिक कोशिश](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/05/27/95d5ef9e00f46a627e82794249403cf0_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत की सरकार को एक विशेष तरह से पेश करने का ‘‘राजनीतिक प्रयास’’ चल रहा है और राजनीतिक तौर पर गढ़ी गई छवि तथा वहां सरकार के वास्तविक रिकॉर्ड में अंतर है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल एसआर मैकमास्टर से बातचीत में जयशंकर ने बुधवार को कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण इस वक्त भारत बहुत ‘‘तनावपूर्ण दौर’’ से गुजर रहा है.
यह संवाद हूवर इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित सत्र ‘‘भारत: रणनीतिक साझेदारी के लिए अवसर और चुनौतियां’’ में हुआ. विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम वास्तव में 80 करोड़ लोगों को नि:शुल्क भोजन दे रहे हैं, पिछले वर्ष कई महीनों तक दिया और इस वर्ष भी कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण दे रहे हैं. हमने 40 करोड़ लोगों के बैंक खातों में पैसा भेजा है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस सरकार ने यह किया है. और यदि आप अमेरिका की आबादी से ढाई गुना अधिक लोगों का पेट भर रहे हैं और अमेरिका की आबादी से अधिक संख्या में लोगों को पैसा भेज रहे हैं और यह सब आप बिना चर्चा में आए, निरपेक्ष रूप से कर रहे हैं .... किसी व्यक्ति के नाम और उससे संबंधित जानकारी से परे जाकर सीधे उसके बैंक खाते में पैसा डाल रहे हैं. इससे ज्यादा क्या चाहिए. भेदभाव का कोई आधार ही नहीं है.’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘इसलिए जब आप शासन संबंधी वास्तविक फैसलों को देखते हैं तो राजनीतिक तौर पर गढ़ी गई छवि तथा असली शासकीय रिकॉर्ड में अंतर पाएंगे. इसलिए मेरा मानना है कि आप इसे उसी तरह लें जो कि यह है-राजनीति का असल खेल. आप इससे सहमत हो सकते हैं या फिर असहमत भी हो सकते हैं लेकिन निश्चित ही मैं देखता हूं कि यह हमारी वर्तमान सरकार को एक विशेष तरह से पेश करने का राजनीतिक प्रयास का हिस्सा है और इससे मैं पूरी तरह से असहमत हूं.’’
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हम भारतीय अपने लोकतंत्र को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं...भारत गहराई से एक बहुलतावादी समाज है.’’ मैकमास्टर ने जयशंकर से ‘‘हिंदुत्व की नीतियों’’ पर एक सवाल पूछा था जिससे भारतीय लोकतंत्र की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति कमजोर होती हो. उन्होंने पूछा था कि वैश्विक महामारी के सदमे से भारत की आंतरिक राजनीति में क्या बदलाव आए हैं और क्या भारत के मित्रों का हालिया बदलावों को लेकर चिंतित होना सही है.
जयशंकर ने कहा कि वह सवाल का सीधे राजनीतिक जवाब देंगे जो थोड़ा बहुत समाज से जुड़ा हुआ भी होगा. उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक जवाब तो यह है कि पहले के समय में वोट बैंक की राजनीति पर निर्भरता बहुत अधिक हुआ करती थी, जिसका मतलब है कि लोगों की पहचान, उनकी मान्यता आदि के आधार पर मतदाताओं से अपील करना. हम इस परिपाटी से अलग हो चुके हैं तो निश्चित ही यह एक अंतर है.’’
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत में लोग विभिन्न धार्मिक आस्थाओं को मानते हैं और दुनियाभर में धार्मिक आस्थाएं वहां की संस्कृति और पहचान से बहुत करीब से जुड़ी होती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समाज में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है सभी धर्मों के लिए समान सम्मान. धर्मनिरपेक्षता का यह मतलब नहीं है कि आप अपने धर्म या किसी और के धर्म को स्वीकार ही न करें.’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आप जो भारत में देख रहे हैं वह कई मायनों में लोकतंत्र का और गहरा होना है, या यूं कहें कि यह लोगों का राजनीति, नेतृत्व के पदों और समाज में व्यापक प्रतिनिधित्व है. वे लोग जो अपनी संस्कृति, अपनी भाषा और अपनी मान्यताओं को लेकर कहीं अधिक आश्वस्त हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बारे में खुलकर कहना चाहूंगा. ये लोग संभवत: कम हैं, अंग्रेजी भाषी दुनिया की तुलना में कम हैं, अन्य वैश्विक केंद्रों से कम जुड़े हैं. इसलिए यहां पर अंतर है. और मेरा मानना है कि इस अंतर को कई बार राजनीतिक रूप से रूखेपन से आंका जाता है और आमतौर पर इसका इस्तेमाल एक तरह का विमर्श पैदा करने के लिए किया जाता है.’’
जयशंकर अमेरिका दौरे पर रविवार को न्यूयॉर्क आए थे. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मुलाकात की, बुधवार को वह वाशिंगटन गए जहां उनका अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात का कार्यक्रम है. राष्ट्रपति जो बाइडन के जनवरी में पद संभालने के बाद से यह किसी वरिष्ठ भारतीय मंत्री का पहला अमेरिका दौरा है.
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