नई दिल्लीः देश के सभी गांवों के हर घर में 2024 तक नल से पीने का पानी मिलने लगेगा. इसके लिए पिछले साल 15 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन का ऐलान किया था जिसके काम में अब तेज़ी आने लगी है. पीएम मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के लिए इस अभियान को सबसे ज़्यादा अहमियत दे रहे हैं. इस अभियान की सफलता प्रधानमंत्री के लिए राजनीतिक तौर पर भी काफ़ी अहम मानी जाती है.


अनलॉक के बाद रोजाना एक लाख घरों तक पहुंचा पानी


जल शक्ति मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों में दावा किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान काम में आई रुकावट की भरपाई अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने पर की जा रही है. आंकड़ों के मुताबिक़ 1 जून से शुरू हुए अनलॉक से अबतक 45 लाख ग्रामीण घरों में नल का कनेक्शन दिया जा चुका है. इसका मतलब ये हुआ कि इस दौरान रोज़ाना एक लाख घरों में नल का कनेक्शन दिया जा रहा है.


हालांकि पिछले साल 15 अगस्त को हुई घोषणा के बाद से अबतक 84 लाख ग्रामीण घरों में नल का कनेक्शन दिया जा चुका है. अभियान की शुरुआत में देश के ग्रामीण इलाकों के क़रीब 15.50 करोड़ घर ऐसे थे जिनमें पीने का पानी नहीं आता था. इस हिसाब से 2024 तक हर साल 3.2 करोड़ यानी रोज़ाना क़रीब 88,000 घरों तक नल का कनेक्शन देने की चुनौती है.


यूपी और बिहार में 2022 तक का लक्ष्य


मंत्रालय की सबसे बड़ी चुनौती यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे देश के सबसे पिछड़े राज्यों के गांवों में घर-घर नल से पानी पहुंचाना है. मंत्रालय का लक्ष्य है कि घनी आबादी वाले उत्तर प्रदेश और बिहार के ग्रामीण इलाकों के हर घर में 2022 तक नल से पीने का पानी पहुंचा दिया जाए.


मंत्रालय का अनुमान है कि बिहार में 2021 तक ही ये काम पूरा कर लिया जाएगा क्योंकि वहां इस काम में काफ़ी तेज़ी आ गई है. इस साल 15 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक़, बिहार में ग्रामीण इलाकों के 27 फ़ीसदी घरों तक नल का कनेक्शन दिया जा चुका है जो एक साल पहले केवल 1.72 फ़ीसदी था.


हालांकि उत्तर प्रदेश में काम कुछ ज़्यादा गति नहीं पकड़ पाया है. आंकड़ों के हिसाब से राज्य के ग्रामीण इलाकों के केवल 4.08 फ़ीसदी घरों तक ही नल का पानी पहुंच पाया है.


राज्यों के लिए रखा गया लक्ष्य


आइए देखते हैं कि किस राज्य ने अपने यहां के ग्रामीण इलाकों में सभी घरों में नल से पानी पहुंचाने के लिए कबतक का लक्ष्य तय किया है-




  • 2021 - बिहार, गोवा, तेलंगाना और पुडुचेरी

  • 2022 - उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मेघालय, पंजाब और सिक्किम

  • 2023 - अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिज़ोरम, नागालैंड, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा

  • 2024 - राजस्थान, असम, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, केरल, ओडिशा, तमिलनाडु और उत्तराखण्ड


सरकार का मानना है कि बिहार, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में काम में काफ़ी तेज़ी आई है. अभी तक सबसे ज़्यादा गोवा के 87 फ़ीसदी ग्रामीण घरों में पीने का पानी नल से पहुंच चुका है.


सबसे ज़्यादा फोकस चमकी बुखार वाले जिलों पर


सरकार का विशेष फोकस 5 राज्यों के उन 61 जिलों पर है, जहां बच्चों में चमकी या जापानी दिमागी बुखार का प्रकोप सबसे ज़्यादा है. इनमें असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु शामिल हैं. इन जिलों के 3.01 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 9 फ़ीसदी घरों में ही नल से पानी पहुंच रहा है. सरकार का मानना है कि इस बीमारी के पीछे साफ़ और स्वच्छ पीने के पानी का अभाव एक बड़ी वजह है.


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