लखनऊ: राजस्थान के जयपुर में सीरियल बम धमाकों का दोषी जलीस अंसारी कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है. अंसारी को कानपुर से अब लखनऊ लाया गया है. आज मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा. डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि वह यूपी के रास्ते नेपाल भागने की तैयारी में था. कानपुर में एक मस्जिद से निकलते समय उसे गिरफ्तार कर लिया गया. बता दें कि अपनी परोल खत्म होने के एक दिन पहले ही लापता हो गया था. वह अजमेर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है.


अंसारी का नाम देश के अलग-अलग हिस्सों में 50 से ज्यादा बम धमाकों में शामिल था जिसके चलते उसे 'डॉ. बम' कहा जाने लगा. डीजीपी ने बताया कि अंसारी से एसटीएफ पूछताछ करेगी. अंसारी पेशे से डॉक्टर है.


बता दें कि उसे सबसे पहले राजधानी एक्सप्रेस में बम रखने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. जलीस के ऊपर सबसे बड़ा आरोप राजस्थान में पांच अलग-अलग जगहों पर 5 और 6 दिसंबर, 1993 को हुए बम धमाकों का था.इसके लिए वह अजमेर की जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था. उसके ऊपर 5 और 6 दिसंबर, 1993 को ही हैदराबाद में सीरियल ब्लास्ट के आरोप में भी केस चला लेकिन 2015 में उसे बरी कर दिया गया.


हैदराबाद में कम तीव्रता वाले धमाके आईईडी से किए गए थे.अंसारी के ऊपर आरोप है कि देशभर में 50 से ज्यादा बम धमाकों में उसकी भूमिका थी. इसलिए उसे डॉ. बम कहा जाने लगा. उसे सबसे पहले 1994 में सीबीआई ने राजधानी एक्सप्रेस में बम लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. वह पुणे के ब्लास्ट में भी आरोपी है.


आरोप है कि यहां 1992 में बाबरी मस्जिद कांड के बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बम लगाए थे. सबसे ताजा फैसले में गिरणा नदी में बम धमाके का एक्सपेरिमेंट करने के अपराध में उसे मालेगांव के एक कोर्ट ने 2018 में 10 साल जेल की सजा सुनाई थी. अंसारी को राजस्थान की अजमेर सेंट्रल जेल से 21 दिनों के परोल पर रिहा किया गया था. उसे शुक्रवार को आत्मसमर्पण करना था.


जलीस अंसारी को क्यों कहा जाता है डॉक्टर बम'


 जलीस अंसारी को डॉ बम इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह पेशे से एमबीबीएस डॉक्टर रह चुका है. इस आतंकवादी ने देश के पांच राज्यों में 52 बम धमाके किए. जिनमें मुंबई पुलिस के कई थाने, शिवसेना की 7-8 शाखाएं, गुरुद्वारे, मुंबई के रेलवे स्टेशन और महत्वपूर्ण लोगों के कार्यालय शामिल हैं.


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