Maratha Reservation: जालना हिंसा मामले में एक्शन, 360 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस
Jalna Maratha Protest: मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के जालना में हिंसक आंदोलन के मामले में पुलिस ने 360 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
Maratha Reservation: महाराष्ट्र के जालना में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के एक दिन बाद शनिवार (2 सितंबर) को स्थिति नियंत्रण में रही और पुलिस ने 360 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया है. हिंसा में कई पुलिसकर्मियों समेत अन्य लोग घायल हो गए थे. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
पुलिस ने शुक्रवार को औरंगाबाद से लगभग 75 किलोमीटर दूर अंबाद तहसील में धुले-सोलापुर मार्ग पर अंतरवाली सारथी गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे थे.
कैसे हिंसक हुआ आंदोलन?
अधिकारियों ने बताया कि मनोज जारांगे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मंगलवार से गांव में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे थे. बात तब बिगड़ी जब चिकित्सकों की सलाह पर पुलिस ने जारांगे को अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की.
पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों ने राज्य परिवहन की बसों और निजी वाहनों को निशाना बनाया, इसी वजह से आंदोलन हिंसक हुआ, जबकि ग्रामीणों ने दावा किया कि पुलिस ने हवा में कई राउंड गोलीबारी की, लेकिन अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
आरक्षण मिलने तक आंदोलन जारी रखेंगे- आंदोलनकारी
आंदोलनकारी शनिवार को भी अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे और कहा कि जब तक सरकार समुदाय को आरक्षण नहीं देती तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे. उन्होंने उनके ‘शांतिपूर्ण’ आंदोलन के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया और पूछा कि उन्होंने हवा में गोलियां क्यों चलाईं और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज क्यों किया.
पुलिस ने दी ये जानकारी
पुलिस के मुताबिक, हिंसा में करीब 40 पुलिसकर्मी और कुछ अन्य लोग घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कम से कम 15 राज्य परिवहन बसों और कुछ निजी वाहनों में आग लगा दी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जालना के गोंडी पुलिस थाने में शुक्रवार को हुई हिंसा में शामिल होने पर लगभग 360 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिनमें से 16 आंदोलनकारियों की पहचान कर ली गई है. अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मी और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की एक कंपनी अब गांव में तैनात कर दी गई है.
जालना के पुलिस अधीक्षक (एसपी) तुषार दोषी ने बताया, ‘‘कल (शुक्रवार) हुई हिंसा में करीब 40 पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्लास्टिक के छर्रे और आंसू गैंस का इस्तेमाल किया. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और स्थिति अब नियंत्रण में है.’’
सीएम शिंदे ने की शांति की अपील
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को शांति की अपील की और घोषणा की कि हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी, जबकि उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फणनवीस ने दावा किया कि पथराव के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा. राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए गए आरक्षण को उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया था.
विरोध प्रदर्शन के नेता मनोज जारांगे ये बोले
आज सुबह अंतरवाली सारथी गांव में पत्रकारों से बात करते हुए विरोध प्रदर्शन के नेता जारांगे ने कहा, ‘‘अब अनशन समाप्त नहीं किया जाएगा. हमारी बहनें और पूरा गांव शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहा है. मुख्यमंत्री ने मराठा आरक्षण पर एक समिति बनाई है, लेकिन उसने कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है, इसलिए हम आंदोलन कर रहे हैं.’’
उन्होंने हाथ में गोली दिखाते हुए कहा, ‘‘ये गोलियां चलाई गई हैं और हम पर अमानवीय तरीके से लाठियां बरसाई गईं. महिलाओं को भी पीटा गया. क्या हम पाकिस्तानी हैं या उस देश में हमारे रिश्तेदार हैं? उन्होंने (पुलिस) गोली क्यों चलाई? हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हमें आरक्षण नहीं मिल जाता, (मुख्यमंत्री) शिंदे चाहे जितनी गोलियां चला लें.''
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