नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कही ये बड़ी बात
दिल्ली के जमा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी का कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) में अंतर है.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी सामने आए हैं. उन्होंने कहा है कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून दोनों ही अलग-अलग हैं.
दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी का कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) में अंतर है. एक CAA है जो कानून बन गया है, और दूसरा NRC है जिसे केवल घोषित किया गया है, यह एक कानून नहीं है.
जामा मस्जिद के शाही इमाम सयैद अहमद बुखारी ने कहा विरोध करना भारत के लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है, कोई भी हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकता. हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि विरोध नियंत्रण में रहकर किया जाए. हमारी भावनाओं को नियंत्रण में रखना सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है.Shahi Imam of Delhi's Jama Masjid, Syed Ahmed Bukhari: There is a difference between Citizenship Amendment Act (CAA) & National Register of Citizens (NRC). One is CAA that has become a law, and the other is NRC that has only been announced, it has not become a law. (17.12.19) pic.twitter.com/Eo9bjd8YTp
— ANI (@ANI) December 18, 2019
Shahi Imam of Delhi's Jama Masjid, Syed Ahmed Bukhari: To protest is the democratic right of the people of India, no one can stop us from doing it. However, it is important that it is done in control, keeping our emotions in control is the most important part. (17.12.19) pic.twitter.com/rCAIucx9F6
— ANI (@ANI) December 18, 2019
कानून के लेकर दिल्ली में हुआ हिंसक प्रदर्शन
देश की राजधानी में पिछले तीन दिन से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. पहले जामिया, फिर कल दिन में सीलमपुर और शाम होते होते बृजपुरी में भीड़ हिंसा पर उतारू हो गई. हर जगह लोग नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर सड़क पर उतरते हैं और फिर अचानक ये विरोध पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़ में बदल जाता है. कहा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों की वजह से भी विरोध प्रदर्शन हिंसक हो रहा है.
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