नई दिल्ली: जमात ए इस्लामी हिंद (जेआईएच) ने आज आरोप लगाया कि जब मुसलमानों की बात आती है तब सरकार अन्य चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए सिर्फ ‘तीन तलाक’ के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित नजर आती है.


समुदाय के एक बड़े तबके में इस बारे में जानकारी का अभाव


जेआईएच ने पर्सनल लॉ पर देश भर में मुसलमानों को जागरूक करने के लिए एक अभियान की भी घोषणा करते हुए दलील दी कि समुदाय के एक बड़े तबके में इस बारे में जानकारी का अभाव है.


धार्मिक संगठन ने कहा कि यह 23 अप्रैल से सात मई तक अभियान चलाएगी जिसका लक्ष्य देश भर में पांच करोड़ मुसलमानों तक पहुंचना है.


जेआईएच प्रमुख मौलाना सईद जलालुद्दीन उमरी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ऐसा माहौल पैदा कर दिया गया है कि जैसे तीन तलाक महिलाओं से अन्याय करता हो. ऐसी स्थिति उभरी है कि ऐसा लगता है कि सरकार सिर्फ इस मुद्दे पर केंद्रित है और मुसलमानों के लिए संकटकारी और कोई मुद्दा नहीं है.


मुस्लिम पसर्नल लॉ के बारे में कई गलत धारणाएं


ऑल इंडिया मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के उपाध्यक्ष उमरी ने कहा कि पसर्नल लॉ में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो महिलाओं के शोषण का मार्ग प्रशस्त करता हो. उन्होंने कहा कि मुस्लिम पसर्नल लॉ के बारे में कई गलत धारणाएं हैं.


संवाददाताओं से बात करने के दौरान उमरी के साथ मौजूद एआईएमपीएलबी सदस्य मोहम्मद जफर ने कहा कि जेआईएच देश भर में 700 जन सभाएं और लैंगिक मुद्दे पर इतनी ही संगोष्ठी कर जनसंपर्क कार्यक्रम चलाएगी.