तिरूवनंतपुर: जिन्ना की तस्वीर हटाने को लेकर छिड़े विवाद के बीच जमात-ए-इस्लामी हिंद ने कहा कि कहा कि अगर कोई तस्वीर हटाना चाहता है तो उसे अदालत का रुख करना चाहिए. मुस्लिम संगठन के प्रमुख मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी ने कहा, ‘‘ ऐसी मांग के पीछे क्या औचत्य है? क्योंकि यह पिछले 80 साल से लोगों की नजर में है. फिर भी किसी की ऐसी मांग है तो उसे अदालत जाना चाहिए... इस पर विवाद क्यों?’’
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इसे बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है: जलालुद्दीन उमरी
इसे एक मामूली मुद्दा बताते जलालुद्दीन उमरी ने कहा कि इसे बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि एएमयू की यह लंबे से अरसे से परंपरा रही है कि वह परिसर में छात्र संघ के आजीवन सदस्यों की तस्वीर लगाता है. उन्होंने कहा कि जिन्ना की तस्वीर 1938 से लगी हुई है. इतने सालों किसी ने भी आपत्ति नहीं जताई या तस्वीर को हटाने की मांग नहीं की.
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छात्र संघ के साथ बातचीत के जरिए हल करने की जरूरत है: जलालुद्दीन उमरी
उमरी ने दावा किया कि बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने भी आजादी के संग्राम में जिन्ना की भूमिका पर संदेह नहीं किया है. जमात-ए-इस्लामी हिंद के नेता ने कहा कि यह ऐसा मसला है जिसे छात्र संघ के साथ बातचीत के जरिए हल करने की जरूरत है. उमरी ने बीजेपी नीत केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकार खतरे में है. जमात ने भगवा पार्टी के खिलाफ लड़ने वाली ताकतों को समर्थन दिया.