नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया में कई दिन से ऑनलाइन मोड से परीक्षाएं कराए जाने को लेकर छात्र विरोध कर रहे थे. जिसके बाद अब यूनिवर्सिटी ने छात्रों के आग्रह और विरोध को देखते हुए ऑनलाइन प्राक्टर्ड एक्ज़ामिनेशन की अपनी 7 दिसंबर की घोषणा को फिलहाल स्थगित कर दिया है.
छात्र लगातार कई दिनों से इस बात को लेकर अपना विरोध जता रहे थे कि ऑनलाइन एग्ज़ाम के लिए सभी छात्रों के पास सुविधाएं नहीं हैं, जिस वजह से इस तरह से एग्ज़ाम कंडक्ट करवाना ज़्यादातर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. छात्रों का कहना है कि लैपटॉप, स्मार्ट फ़ोन, इंटरनेट सेवा और बिजली एग्ज़ाम के लिए होना बहुत ज़रूरी है और यह सब सुविधाएं एग्ज़ाम के नियमों के हिसाब से काम नहीं करती हैं, तो एग्ज़ाम में जो नुकसान होगा, उस से छात्रों के लिए कितना बड़ा नुकसान होगा. इस बात को छात्रों ने जामिया के एडमिनिस्ट्रेशन तक पुहंचाया. जिसको संज्ञान में लाकर अब यूनिवर्सिटी की तरफ से ऑनलाइन मोड से एग्ज़ाम कंडक्ट करने के फैसले को स्थागित किया गया है.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की वाईस चांसलर नजमा अख़्तर ने छात्रों के इस आग्रह पर ग़ौर करते हुए, ऑनलाइन प्राक्टर्ड एक्ज़ामिनेशन के ज़रिए ऑड सेमिस्टर और वार्षिक परीक्षाएं कराने को, अगली घोषणा तक के लिए रोक दिया. आज जामिया के ऑफिस ऑफ कंट्रोलर ऑफ एक्ज़ामिनेशन ने एक नोटिस के ज़रिए इस निर्णय के बारे में बताया. इसमें कहा गया है कि इन परीक्षाओं को लेकर छात्रों की चिंताओं से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को अवगत करा दिया गया है और अंतिम निर्णय के लिए अब यूजीसी के निर्देश का इंतेज़ार है. इस बारे में यूजीसी के निर्देश मिलते ही उसके अनुसार निर्णय करके छात्रों को अवगत करा दिया जाएगा.
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