CAA Protest: जामिया के छात्र चुनाव को देखते हुए दो दिनों के लिए शिफ्ट करेंगे प्रदर्शन स्थल
जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर चल रहे प्रदर्शन साइट को चुनाव को देखते हुए दो दिनों के लिए बदलने का फैसला लिया गया है. 7 और 8 फरवरी को प्रदर्शन गेट नंबर सात की जगह 4 पर होगा.
नई दिल्ली: नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में 16 जनवरी से चल रहे प्रदर्शन के चलते जो सड़क यातायात के लिये बंद था, अब वह खुलने जा रहा है. गेट नंबर 7 पर हो रहे प्रदर्शन को फिलहाल के लिए शिफ्ट किया जा रहा है. यह प्रदर्शन अब गेट संख्या 4 पर होगा. इसके साथ ही मौलाना मोहम्मद अली जौहर मार्ग को भी ट्रैफिक के लिए खोल दिया जायेगा. यह निर्णय गुरुवार शाम आयोजित एक बैठक में जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी(जेसीसी) द्वारा लिया गया. जेसीसी का कहना है कि देश के संविधान में वो यकीन रखते हैं और दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते 8 फरवरी को होने वाले मतदान को ध्यान में रखते हुए हमने यह फैसला लिया है.
जेसीसी ने कहा, ''हमारा विश्वास देश के संविधान में है और चुनाव एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जिसका हम पूरी तरह से समर्थन और सम्मान करते हैं. हम नहीं चाहते कि हमारी वजह से किसी भी मतदाता को कोई परेशानी हो. हालांकि हम किसी भी राजनीतिक दल से कोई ताल्लुक नहीं रखते हैं, फिर भी चुनाव आयोग के मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट को ध्यान में रखते हुए हम अपने इस प्रदर्शन को यहां से शिफ्ट कर रहे हैं.''
सिर्फ दो दिन के लिए लिया गया है यह फैसला
जेसीसी ने स्पष्ट किया है कि प्रदर्शन सिर्फ 2 दिन के लिए ही शिफ्ट किया जा रहा है. इसके अलावा सड़क भी ट्रैफिक के लिए सिर्फ 2 दिन के लिए खोली जाएगी. 2 दिन का मतलब 7 फरवरी और 8 फरवरी है. 9 फरवरी से एक बार फिर से प्रदर्शन गेट नंबर 7 के बाहर शुरू होगा और इस सड़क को भी यातायात के लिए ठीक उसी प्रकार रोक दिया जाएगा जैसा कि पहले से चला आ रहा है. जेसीसी का यह भी कहना है कि हम जामिया प्रशासन के सामने यह बात भी रखना चाहते हैं कि जिस तरीके से गुरुवार को प्रशासन ने सर्कुलर जारी किया है, वह काफी गलत है. क्योंकि 15 दिसंबर को जिस तरीके से दिल्ली पुलिस ने कैंपस के अंदर घुसकर छात्रों के साथ बर्बरता की थी, उसे लेकर पुलिस ने अभी तक अपने अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की है. उसके बावजूद भी प्रशासन छात्रों का साथ देने के बजाय पुलिस की भाषा बोल रहा है, जो बेहद निंदनीय है.
सर्कुलर के बाद लिया फैसला
जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा गुरुवार को एक सर्कुलर जारी किया गया. जिसमें सभी छात्रों से यह कहा गया था कि 8 फरवरी को मतदान होना है. इसके अलावा जामिया नगर थाना प्रभारी ने जामिया प्रशासन को यह पत्र लिखा है कि इस प्रदर्शन में छात्रों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं. पिछले दिनों कुछ असामाजिक तत्वों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग भी की थी. इसलिए प्रदर्शन में शामिल लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस अपील करती है कि इस प्रदर्शन को यहां से हटा दें, ताकि किसी की भी जान को कोई खतरा न हो. इसके अलावा चुनाव के चलते लोगों को यातायात संबंधित कोई परेशानी न हो. पुलिस नोटिस को ध्यान में रखते हुए जामिया प्रशासन से अपील करती है कि सभी छात्र इस प्रदर्शन से खुद को अलग कर लें क्योंकि जामिया विश्वविद्यालय अपने छात्रों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है. सर्कुलर के बाद जेसीसी ने बैठक की और 2 दिनों के लिए प्रदर्शन को शिफ्ट करने का फैसला लिया.
16 दिसंबर से जारी है प्रदर्शन
जामिया विश्वविद्यालय के गेट नंबर 7 के बाहर चल रहा प्रदर्शन 16 दिसंबर से जारी है यह बात और है कि सड़क को बंद 16 जनवरी से किया गया था.
स्थानीय लोग जेसीसी के फैसले से नहीं है सहमत
जेसीसी द्वारा 2 दिन के लिए प्रदर्शन को शिफ्ट करने के फैसले से इसमें शामिल स्थानीय लोग खुश नहीं हैं. सूत्रों की मानें तो जामिया के छात्रों और स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर बहस चल रही है कि आखिर प्रदर्शन को शिफ्ट क्यों किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस प्रकार जामिया के छात्रों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया है तो उसी प्रकार स्थानीय लोगों ने भी प्रदर्शन में अपनी मौजूदगी दर्ज की है और आसपास रहने वाली महिलाएं ही हैं जो रात-रात भर प्रदर्शन में बैठती हैं इसलिए सिर्फ जेसीसी इस बात का निर्णय नहीं ले सकती कि प्रदर्शन को गेट नंबर 7 से कहीं और शिफ्ट किया जाए या फिर सड़क को यातायात के लिए खुलवाया जाए.
यह भी पढ़ें-