दिल्ली के जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में हिंसा के एक महीने बाद आज फिर से प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शनकारी दिल्ली पुलिस के खिलाफ एफआईआर की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर शाहीन बाग इलाके में भी प्रदर्शन जारी है और वहां महिलाएं व बच्चे प्रदर्शन कर रहे हैं.
एबीपी न्यूज़ संवाददाता प्रफुल्ल श्रीवास्तव ने मौके से बताया कि जामिया के छात्रों की मदद के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों के छात्र भी मौके पर पहुंच रहे हैं. पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने छात्रों को भीतर घुस कर पीटा. इसी के विरोध में छात्र आज प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस पर केस दर्ज किए जाने की मांग कर रहे हैं.
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प्रफुल्ल के मुताबिक छात्र सीएए और एनपीआर के विरोध में भी प्रदर्शन कर रहे हैं, साथ ही उनकी ये भी मांग है कि दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. जामिया के छात्रों को दूसरी यूनिवर्सिटीज के छात्रों का साथ मिल रहा है और कुछ छात्र भूख हड़ताल पर भी पहुंचे.
गेट नंबर सात और आठ पर ये प्रदर्शन जारी हैं. गेट नंबर आठ पर महिलाएं और लड़कियां जमा हुई हैं और आजादी के नारे लगा रही हैं. आईसा की ढपलियां लेकर छात्राएं नारे लगा रही हैं.
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प्रदर्शन में जारी छात्राओं से एबीपी न्यूज़ संवाददाता ने बात की तो उन्होंने कहा कि सीएए जब तक वापस नहीं लिया जाता है तब तक हम प्रदर्शन करते रहेंगे.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून 2019 बनाया है जिसका देश के कई हिस्सों में विरोध हुआ. खास तौर पर दिल्ली के जेएनयू और जामिया विश्वविद्यालय में इस कानून का विरोध हुआ.
विपक्षी दल भी इस कानून के खिलाफ हैं और कई राज्य सरकारों ने इसे लागू करने से इंकार कर दिया है. सीएए विरोधी प्रदर्शनों में दिसंबर के महीने में काफी हिंसा भी हुई जिसको लेकर पुलिस निशाने पर है.