जामिया फायरिंग में घायल युवक खतरे से बाहर, क्राइम ब्रांच करेगी घटना की जांच- स्पेशल सीपी प्रवीर रंजन
दिल्ली के स्पेशल सीपी प्रवीर रंजन के कहा कि घायल की हालत खतरे से बाहर हैजामिया फायरिंग के दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया हैइस घटना के बाद से ही जामिया में छात्रों का प्रदर्शन जारी है, भारी पुलिस बल तैनात
नई दिल्ली: दिल्ली के स्पेशल सीपी प्रवीर रंजन ने बताया कि डॉक्टरों के मुताबिक जामिया फायरिंग में शादाब फारूक नाम के जिस शख्स को गोली लगी थी उसकी हालत खतरे से बाहर है. पैलेट को उसके हाथ से निकाल दिया गया है. स्पेशल सीपी ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर में शादाब से मुलाकात की. शादाब जामिया के छात्र हैं. इसके प्रवीर रंजन ने कहा कि आरोपी के बारे में पुलिस जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि जामिया फायरिंग मामले का केस क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया है. यानी अब मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी.
उधर जामिया फायरिंग की घटना के बाद छात्रों का प्रदर्शन जारी है. जामिया में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. पुलिस छात्रों को हटाने की कोशिश कर रही है. आरोपी ने छात्रों के मार्च से पहले गोली चला दी थी. महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर जामिया यूनिवर्सिटी से राजघाट तक छात्रों का मार्च होना था. तभी आरोपी ने पहले तो हवा में कट्टा लहराया और बाद में गोली चला दी. ये गोली शादाब के हाथ में जा लगी. इसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.
जामिया मामल में दोषी को बख्शा नहीं जाएगा- अमित शाह
वहीं जामिया की घटना पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ''आज दिल्ली में जो गोली चलाने की घटना हुयी है उसपर मैंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है और उन्हें कठोर से कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. केंद्र सरकार इस तरह की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं करेगी, इसपर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी और दोषी को बख्शा नहीं जायेगा.''
प्रियंका गांधी ने बीजेपी पर साधा निशाना
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ''जब भाजपा सरकार के मंत्री और नेता लोगों को गोली मारने के लिए उकसाएँगे, भड़काऊ भाषण देंगे तब ये सब होना मुमकिन है. प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि वे कैसी दिल्ली बनाना चाहते हैं? वे हिंसा के साथ खड़े हैं या अहिंसा के साथ? वे विकास के साथ खड़े हैं या अराजकता के साथ?''