नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों और जामिया नगर के निवासियों से पुलिस की तब भिड़ंत हो गई जब संसद की ओर जा रहे उनके CAA विरोधी मार्च को रोक दिया गया. इसी दौरान छात्रों और दिल्ली पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई. इसमें 27 लोग जख्मी हो गए. छात्रों का आरोप है कि उनके साथ पुलिस ने मारपीट की. घायलों को अल शिफा हॉस्पिटल में आईसीयू में भर्ती किया गया है.
घायल छात्रों से मिलने के लिए जामिया यूनिवर्सिटी की वाईस चांसलर नजमा अख्तर अल शिफा हॉस्पिटल छात्रों पुहंची. जहां उनके खिलाफ छात्रों ने नारेबाजी की. जामिया के छात्रों और पूर्व छात्रों के संगठन जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) ने मार्च का आह्वान किया था.
प्रदर्शन खत्म करने के लिए पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन की लगातार अपीलों के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने अपना आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को संसद की ओर मार्च करने की इजाजत नहीं थी.
यूनिवर्सिटी के आसपास सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गयी थी. प्रदर्शनकारियों ने जामिया के गेट नंबर-सात से अपना मार्च शुरू किया . प्रदर्शनकारी ‘कागज नहीं दिखाएंगे’ और ‘जब नहीं डरे हम गोरों से तो क्यों डरे हम औरों से’ जैसे नारे लगा रहे थे . प्रदर्शन में कई महिलाएं भी थीं. हाथों में कई लोग तिरंगा थामे हुए थे और ‘हल्ला बोल’ के नारे लगा रहे थे . इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रृंखला भी बनायी .
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने छात्रों से वापस लौट जाने और पुलिस के साथ नहीं भिड़ने की अपील की. उन्होंने छात्रों से आग्रह किया, ‘‘संदेश भेजा गया है. मैं भीड़ में शामिल छात्रों से विश्वविद्यालय वापस लौटने का अनुरोध करता हूं . कानून का सम्मान करते हुए शांतिपूर्वक वापस लौट जाएं.’’