नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध और कल हुई हिंसा को लेकर जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में एक बार फिर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. छात्र मानव श्रृंखला बनाकर लगातार दिल्ली पुलिस और सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं. जामिया का आंखो देखा हाल आप तक पहुंचाने के लिए एबीपी न्यूज की संवाददाता प्रतिमा मिश्रा ग्राउंड जीरो पर मौजूद थीं, कि अचानक भीड़ से एक आवाज आई कि आप लोग रिपोर्टिंग क्यों कर रहे हैं. आप कुछ नहीं दिखा सकते. भीड़ ने पूरे क्रू मेंबर्स को भी घेरने की कोशिश की.


तनाव भरे माहौल में भी संवाददाता प्रतिमा मिश्रा ने अपना धैर्य नहीं खोया और लगातार वहां का सूरते हाल बताती रहीं. लाइव रिपोर्टिंग के दौरान भीड़ में से एक शख्स कैमरे के सामने आकर खड़ा हो गया ताकि उनकी करतूतें सामने ना आ पाएं. कैमरा बंद कराने की भी कोशिश की गई. संवाददाता प्रतिमा मिश्रा वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कवर करने गई थीं कि आचानक भीड़ उग्र हो गई और नारेबाजी करने लगी.  प्रतिमा मिश्रा के पीछे लगातार भीड़ नारे लगा रही थी. भीड़ में शामिल लड़कों को कुछ छात्राएं रोकती नजर आईं. छात्राओं ने संवाददाता को बचाया और वहां से बाहर निकाला.



जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में हुई कल हुई हिंसा के मामले में कुलपति नजमा अख्तर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कुलपति ने कहा कि पुलिस बिना इजाजत कैंपस में घुसी, हम इसकी एफआईआर करेंगे. कुलपति ने कहा, ''कल की घटना दुर्भाग्यपूर्ण, पुलिस बिना पूछे कैंपस के अंदर आई, पुलिस ने बर्बरता के साथ छात्रों को डाराया. यूनिवर्सिटी में बिना इजाजत पुलिस की एंट्री बर्दाश्त नहीं. पुलिस की कार्रवाई से यूनिवर्सिटी को बहुत नुकसान हुआ. इस नुकसान की भरपायी कौन करेगा ? इतना ही नहीं हमें इमोशनल नुकसान भी हुआ, इसका जिम्मेदार कौन?''


नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कार्रवाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा गया है. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, सलमान खुर्शीद, कॉलिन गोंजाल्विस समेत कुछ वकीलों ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने को कहा. इस पर मुख्य न्यायधीश बोबड़े ने कहा कि हम इस मामले में कल सुनवाई करेंगे, पहले हिंसा रुकना जरूरी है. पब्लिक प्रॉपर्टी का नुकसान बर्दाश्त नहीं कर सकते. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट में कहा- अलीगढ़ समेत पूरे देश मे शांतिपूर्वक विरोध कर रहे छात्रों पर कार्रवाई की जा रही है, उनके साथ हिंसा हो रही है. उन्हें कोर्ट की मदद है। आप संज्ञान लें. इस पर CJI ने कहा- हमें दिक्कत नहीं लेकिन जब हिंसा हो तो पुलिस क्या करे?


नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा. वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने सुनवाई की मांग रखी. अब तक इस मसले पर 15-16 याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं. बुधवार को सर्दी की छुट्टी से पहले कोर्ट के कामकाज का आखिरी दिन है.


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