(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
CAA और NRC को लेकर जमीअत उलमा ए हिंद ने मुंबई में बुलाई बड़ी बैठक, कहा-देशभर से मुसलमान होंगे शामिल
23 फरवरी को जमीयत उलमा ए हिंद ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर मुंबई के आजाद में मैदान में एक बड़ी बैठक बुलाई है. जमीअत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इस मीटिंग में देश भर से मुसलमानों के जुड़ने का दावा किया है.
मुंबई: नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में रविवार को मुंबई के आजाद मैदान में बड़ा शक्ति प्रदर्शन होने जा रहा है. इसकी घोषणा जमीअत उलमा ए हिंद द्वारा आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई. यह शक्ति प्रदर्शन मुंबई के आजाद मैदान में एक मीटिंग के रूप में किया जाएगा. देशभर से मुस्लिम समुदाय के लोग इसमे बड़े संख्या में शामिल होंगे.
मीडिया से बात करते हुए जमीअत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इस मीटिंग के बारे में जानकारी दी. उन्होंने नागरिकता कानून का कड़ा विरोध करते हुए इसे 'नफरत की मिसाइल' का नाम दिया. मौलाना ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी और ग्रह मंत्री अमित शाह सीएए, एनआरसी और एनपीआर के जरिए देश के मुसलमानों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर रहे हैं."
मौलाना ने आरोप लगाया कि यह सरकार पिछले कई साल से देश में हमारे खिलाफ नफरत के बीज बो रही है. इसका साफ प्रमाण है कि जब हमने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राज्य में मीटिंग करने की इजाजत मांगी थी तो हमें जानबूझकर अनुमति नहीं दी गई और इसी लिए हमें मुंबई का रुख करना पड़ा."
उन्होंने कहा, "महारष्ट्र सरकार से हमें (जमीअत उलमा ए हिंद) आजाद मैदान में मीटिंग करने की इजाजत मिली. इसलिए 23 फरवरी को मुंबई में हमारी जनरल बॉडी मीटिंग होगी जिसमें देश भर से मुसलमान इसमे शामिल होंगे. हमारी केंद्र सरकार से इतनी सी मांग है कि इस देश विरोधी कानून की वापस लिया जाए. मीटिंग में इसी मुद्दे पर चर्चा होगी. अगर सरकर नहीं मानती है तो हम देखेंगे."
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