Jamaat-e-Islami Hind: प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 और संभल हिंसा पर जमात-ए-इस्लामी हिंद ने बड़ा बयान दिया है. जमात-ए-इस्लामी हिंद ने शनिवार (7 दिसंबर, 2024) को कहा कि आज देशभर में कौमी एकता को अदालत के गलत फैसले से दिक्कत हो गई है. खासतौर से मुस्लिम कौम को दिक्कत हो रही है. अदालतें, सरकार और आवाम इस बात को समझे, जिस एक्ट को संसद ने बनाया, अदालत इसको न बदले. अदालतों को, देश की सरकार और संसद को भी देखना चाहिए जो कोई भी इस एक्ट के खिलाफ आए उस पर जुर्माना लगाया जाए.
जमात-ए-इस्लामी हिंद के वाइस प्रेसिडेंट मलिक मोहतशिम खान ने कहा कि साल 1991 में देश की संसद ने एक कानून बनाया, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, इसमें बाबरी मस्जिद को अपवाद रखा था. हालांकि बाबरी मस्जिद का फैसला भी हक और इंसाफ के तहत नहीं दिया गया था, लेकिन उस वक्त ये जरूर कहा गया था कि इस एक्ट को हर सूरत में लागू किया जाएगा, लेकिन अब जो सूरत देश में बनी है. अब देशभर में कौमी एकता को अदालत के गलत फैसले से दिक्कत हो गई है. क्योंकि इससे पोलराइजेशन हो रहा है.
संभल हिंसा में निर्दोष मुस्लिम युवकों की गई जान
संभल हिंसा का जिक्र करते हुए खान ने कहा कि संभल में पुलिस गोलीबारी की कड़ी निंदा करते है, जिसमें निर्दोष मुस्लिम युवकों की जान चली गई. पुलिस को शांति बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी से काम करना चाहिए, न कि अशांति को बढ़ावा देना चाहिए. यह दुखद घटना राज्य के उत्पीड़न, पुलिस की मनमानी और भेदभाव को दर्शाती है. आज देश में छोटी अदालतें बड़ी अदालतों के खिलाफ काम कर रही हैं.
पुलिस इस मामले में निपटने में रही नाकाम
उन्होंने कहा कि संभल में पहला सर्वे सुकून के साथ हो गया था, लेकिन फिर भी दूसरा सर्वे कराया गया. दूसरे सर्वे के खत्म होने के बाद सिर्फ मुस्लिम कौम को सताने के लिए सर्वे ग्रुप के साथ ऐसे नारे लगाए जो कि माहौल को भड़कने में बुनियादी कारण बना. हालांकि पुलिस का काम यहां इनको कंट्रोल करना था, लेकिन पुलिस ने लोगों को कंट्रोल करने के बजाय, उन्होंने फायरिंग की. पुलिस ने गैर सरकारी हथियार का भी इस्तेमाल किया या नहीं, इसकी भी जांच होनी चाहिए. पुलिस इस मामले में निपटने में नाकाम रही.
'नेता विपक्ष को संभल जाने से रोका जा रहा'
जो भी राजनेता वहां जाना चाह रहा है उसे जाने नहीं दिया जा रहा है. नेता विपक्ष, और बाकी पार्टियों के भी नेता वहां जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रोक दिया जा रहा है, तो वहां प्रशासन क्या छुपाना चाह रही है?. मुस्लिमों को गिरफ्तार भी किया जा रहा है. देश को अंधेरे में और गलत रास्ते पर ले जाया जा रहा है. संभल हिंसा पर ही बोलते हुए JIH के वाइस प्रेसिडेंट सलीम इंजीनियर ने कहा कि पुलिस अफसर और प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ अगर ईमानदारी से जांच होती है तो उनकी नौकरियां जाएंगी और यह लोग जेल में भी जाएंगे.
जो भी राजनेता वहां जाना चाह रहा है उसे जाने नहीं दिया जा रहा है. नेता विपक्ष, और बाकी पार्टियों के भी नेता वहां जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रोक दिया जा रहा है, तो वहां प्रशासन क्या छुपाना चाह रही है?. मुस्लिमों को गिरफ्तार भी किया जा रहा है. देश को अंधेरे में और गलत रास्ते पर ले जाया जा रहा है. संभल हिंसा पर ही बोलते हुए JIH के वाइस प्रेसिडेंट सलीम इंजीनियर ने कहा कि पुलिस अफसर और प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ अगर ईमानदारी से जांच होती है तो उनकी नौकरियां जाएंगी और यह लोग जेल में भी जाएंगे.
'भाषण से देश नहीं चलता'
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के DNA वाले बयान पर एबीपी न्यूज से बात करते हुए जमात ए इस्लामी हिंद के वाइस प्रेसिडेंट सलीम इंजीनियर ने कहा कि किसी के भाषण से देश नहीं चलता है और किसी के विचारों से देश नहीं चलता है, देश संविधान से चलता है. यह नफरत की मानसिकता बोल रही है. योगी आदित्यनाथ एक संवैधानिक पद पर है. संविधान की शपथ ली है तो देश को संविधान से चलाना होगा. संविधान की इज्जत करनी होगी चाहे वह मुख्यमंत्री हो या कोई और हो.
बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर हो रहे अत्याचार पर इंजीनियर ने एबीपी न्यूज से कहा कि यह तो दावा है कि वहां कुछ हो रहा है, लेकिन आप जब तक वहां जाकर देखेंगे नहीं कि क्या हो रहा है और कौन कर रहा है? क्योंकि वहां प्रोपेगेंडा भी हो रहा है. अगर अत्याचार हो रहा है तो रोकना चाहिए. अल्पसंख्यकों की जान माल और इबादतगाहों की हिफाजत होनी चाहिए. हमारे देश को चलाने के लिए दूसरे देश का हवाला देना खतरनाक है.