Maulana Mahmood Madani On Assam Child Marriage: जमीयत-ए-उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी (Maulana Mahmood Madani) ने असम सरकार के बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर कहा कि ये सहीं कार्रवाई है, लेकिन ऐसे लग रहा है कि ये किसी धर्म विशेष को लेकर की जा रही है. दरअसल असम सरकार बाल विवाह के खिलाफ इस सूबे में बड़े स्तर पर अभियान चला रही है. इसके तहत कई लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी है. वहां इसे महिलाओं के विरोध का सामना भी करना पड़ा रहा है. 


'किसी विशेष धर्म के खिलाफ है ये'


मौलाना महमूद मदनी ने अपने एक बयान में कहा कि अगर समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code -UCC) पर आम सहमति बनाने के लिए कुछ संजीदा कोशिशें की जा रही हैं तो इसमें परेशानी क्या है. उन्होंने असम में बाल विवाह (Child Marriage) के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर भी अपने विचार रखें. जमीयत-ए-उलमा-ए-हिंद के चीफ ने कहा कि असम सरकार कह रही है कि वो वे बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई करके सही काम कर रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं लगना चाहिए कि यह किसी विशेष धर्म के खिलाफ किया जा रहा है. 


क्या कहते हैं असम के सीएम


समान नागरिक संहिता या यूसीसी को लेकरअसम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) का नजरिया साफ है वो किसी भी हालत में इसे लागू करने के पक्ष में है. उन्होंने बीते साल नवंबर 2022 में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि इसे पूरा किया जाएगा. जब उनसे पूछा गया कि अगर बीजेपी इसे लागू करना चाहती है तो संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान यूसीसी पर बिल क्यों नहीं लाती है.


तब सरमा ने कहा था, "मुझे लगता है कि राम मंदिर के दौरान भी यही सवाल उठाया गया था कि अगर बीजेपी राम मंदिर के लिए प्रतिबद्ध है तो उसने बिल बनाकर प्रक्रिया पूरी क्यों नहीं की. अनुच्छेद 370 के दौरान भी यही सवाल पूछा गया था. बीजेपी ने ये सब हासिल किया है." गौरतलब है कि दिसंबर 2022 में  राज्यसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक को निजी सदस्य के विधेयक के तौर पर पेश किया जा चुका है.


असम में बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर भी सीएम सरमा ने अपना रुख साफ कर चुके हैं. उन्होंने सरमा ने 28 जनवरी को कहा था, “अगले 5-6 महीनों में हजारों ऐसे पुरुषों को गिरफ्तार किया जाएगा जिन्होंने बाल विवाह किया है, क्योंकि 14 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना अपराध है, भले ही वो कानूनी तौर से विवाहित पति ही क्यों न हो.  कई (लड़कियों से शादी करने वाले पुरुष) को आजीवन कारावास हो सकती है.”असम में बाल विवाह के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत दो हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया. असम पुलिस के पास इस मामले में पास 8,000 आरोपियों की सूची है.


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