Arshad Madani Exclusive: जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के अध्यक्ष सैयद अरशद मदनी ने कांग्रेस (Congress) से कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नायब सदर सदर मौलाना अरशद मदनी ने सोमवार (22 मई) को एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि कर्नाटक में अल्पसंख्यकों ने कांग्रेस को 95 से 100 फीसदी वोट दिया, अब कांग्रेस भी अपना वादा पूरा करे और बजरंग दल (Bajrang Dal) पर बैन लगाए.
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस अपना वादा पूरा नहीं करती है तो देश के किसी भी सूबे के इलेक्शन में लोग कांग्रेस के मैनिफेस्टो पर भरोसा नही करेंगे. मैनिफेस्टो में बजरंग दल पर बैन का श्रेय भाई-बहन (राहुल और प्रियंका गांधी) को जाता है. भाई-बहन ने बहुत बहादुरी का काम किया. उनके अलावा कर्नाटक में काम किसने किया है. मनमोहन सिंह मेरी बात सुनते थे. सोनिया गांधी मेरी बात सुनती थीं. मैं मुसलमानों के काम के लिए उनके पास बार बार गया. अक्सर मेरे काम हुए. कभी कभी नहीं हुए तो कोई मजबूरी रही होगी.
"पीएम मोदी दस दफा भी बुलाएंगे तो भी जाऊंगा"
अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत और कांग्रेस के हमेशा से रिश्ते रहे हैं. मनमोहन सिंह हमारे और कांग्रेस के रिश्तों को जानते हैं. हम हमेशा कांग्रेस के साथ रहे हैं. उन्हें बताते रहे हैं कि आपका तरीका क्या होना चाहिए. आज भी बता रहे हैं. पीएम मोदी को लेकर उन्होंने कहा कि मोदी मेरे मुल्क के प्राइम मिनिस्टर हैं. मुझे दस दफा बुलाएंगे तो भी जाऊंगा. मेरी कोई अना (अहंकार) नहीं है. वो बुलाएंगे तो मैं जाऊंगा. उनके नजरिए से मेरा नजरिया टकराता है, ये अलग बात है.
कॉमन सिविल कोड पर क्या कहा?
बीजेपी को लेकर मदनी ने कहा कि बीजेपी अपनी पॉलिसी बदले, मुसलमान उसके साथ जाएगा. बीजेपी इलेक्शन में आए और कहे कि हम हिंदू और मुसलमान दोनों के वोट चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हुकूमत में देश में दंगे हुए, इन दंगों की जिम्मेदार कांग्रेस है. बैंगलोर, मुरादाबाद, मुंबई, मेरठ में दंगे हुए, इन सबकी जिम्मेदार कांग्रेस है. कांग्रेस अगर लचकदार पॉलिसी न अपनाती तो दंगे न होते. कॉमन सिविल कोड के मुद्दे पर अरशद मदनी ने कहा कि यूसीसी मुसलमानों की आजादी छीनता है.
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