Arshad Madani On Bajrang Dal Row: जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के अध्यक्ष सैयद अरशद मदनी ने रविवार (21 मई) को बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया. मदनी ने मुंबई में कहा कि कांग्रेस (Congress) पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में फिरका-परस्त की जमात बजरंग दल (Bajrang Dal) को बंद करने की बात कही थी. अगर उन्होंने यह फैसला 70 साल पहले लिया होता तो मुल्क बर्बाद न होता.
सैयद अरशद मदनी ने कहा कि उन्होंने ऐसा कहा तो इस पर शोर मच रहा था कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इसे दाखिल कर गलती की. मैं समझ था कि गलती नहीं बल्कि अपनी गलती का तदारुक किया जा रहा है. गौरतलब है कि कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और बजरंग दल जैसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी.
कांग्रेस ने किया था ये वादा
कांग्रेस ने कहा था कि बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों के खिलाफ प्रदेश में जाति एवं धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है. इस एलान के बाद बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला था.
बीजेपी ने बजरंगबली से की थी तुलना
पीएम मोदी ने एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है. इन्होंने पहले श्रीराम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों से तकलीफ हो रही है. इसपर कांग्रेस की ओर भी पलटवार किया गया था और पार्टी ने कहा था कि बजरंग दल की तुलना बजरंगबली करना ठीक नहीं. कांग्रेस ने कर्नाटक के चुनाव नतीजों में 224 में 135 सीटें हासिल कर बहुमत से अपनी सरकार बनाई है.
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