Madrasas Survey: 'मदरसों का सर्वे जरूरी है तो दूसरे शिक्षण संस्थानों का क्यों नहीं?'- जमीयत चीफ अरशद मदनी
Arshad Madani On Madrasas Survey: यूपी में 25 अक्टूबर तक मदरसों का सर्वे (Madrasas Survey UP In UP) जारी रहेगा. उत्तर प्रदेश के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने भी मदरसों के सर्वे को जरूरी बताया है.
Madrasas Survey UP: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के आदेश के बाद राज्य में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे जारी है. सरकार के इस फैसले को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी (Maulana Syed Arshad Madani) ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि मदरसों का सर्वे जरूरी है तो दूसरे शिक्षण संस्थानों का क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि मदरसों में शुद्ध धार्मिक शिक्षा दी जाती है, जिसका अधिकार देश के संविधान ने दिया है.
मदरसों में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं- अरशद मदनी
अरशद मदनी ने कहा कि मदरसों में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है. मदरसों का अस्तित्व देश के विकास के लिए है. मदरसों के दरवाजे हमेशा सबके लिए खुले हैं. पिछले हफ्ते इसे लेकर बैठक भी बुलाई गई थी. इस दौरान कहा गया था कि इस फैसले को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की जाएगी और उन्होंने अपील की थी कि इस मामले में किसी तरह की जबरदस्ती नहीं की जानी चाहिए.
मदरसों का सर्वे जरूरी है तो दूसरे शिक्षण संस्थानों का क्यों नहीं?
— Arshad Madani (@ArshadMadani007) September 13, 2022
मदरसों में शुद्ध धार्मिक शिक्षा दी जाती है और यह अधिकार हमें देश के संविधान द्वारा दिया गया है,यहां आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है,मदरसों का अस्तित्व देश के विकास के लिए है,मदरसों के दरवाज़े हमेशा सबके लिए खुले है।
15 अक्टूबर तक चलेगा सर्वे
बता दें कि, यूपी में एसडीएम, बीएसए और डीएमओ मिलकर सर्वे का काम करेंगे. इस सर्वेक्षण में लेखपालों से भी मदद ली जाएगी. राज्य सरकार ने 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करने का आदेश दिया है. 25 अक्टूबर तक शासन को इसकी रिपोर्ट दी जाएगी.
सर्वे के दौरान उन मदरसों की पहचान की जा रही है जो बिना मान्यता के अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं. सर्वे में प्रदेश के 16 हजार निजी मदरसे शामिल हैं. सरकार ने इस सर्वे को लेकर पूरी प्रक्रिया साफ कर दी है, जिसके लिए 12 बिंदू तय किए गए हैं. विपक्ष इस सर्वे के खिलाफ है. बसपा, कांग्रेस, एआईएमआईएम सभी पार्टियों ने इसे लेकर सरकार को घेरने की कोशिश भी की.
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