नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद तेज हो गई है. अभी-अभी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ पहुंचे हैं. जहां शिवसेना को सर्मथन देने के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा होगी. इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर शिवसेना को समर्थन नहीं देने की अपील की है.
जमीयत के प्रमुख अरशद मदनी ने सोनिया गांधी को संबोधित अपनी चिट्ठी में कहा है, ''मैं महाराष्ट्र की गंदी राजनीति की तरफ आपका ध्यान ले जाना चाहता हूं और यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि आप शिवसेना को समर्थन देंगे. यह कांग्रेस पार्टी के लिए खतरनाक और नुकसानदेह होगा. मुझे उम्मीद है कि मेरी सलाह को अच्छी भावना में लेंगी.''
बता दें कि महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजों की घोषणा की गई थी लेकिन किभी भी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की वजह से अब तक सरकार गठन को लेकर संशन बरकरार है. महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं और बहुमत के लिये जरूरी आंकड़ा 145 विधायकों का है.
बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा आसानी से हासिल कर लिया था लेकिन मुख्यमंत्री पद पर साझेदारी को लेकर दोनों में सहमति नहीं बनी और सरकार भी नहीं बन पाई. कांग्रेस और एनसीपी के बीच भी चुनाव पूर्व गठबंधन था. कांग्रेस ने 44 और एनसीपी ने 54 सीटें जीती है.
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शिवसेना अब कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है. इस संबंध में तीनों दलों ने कई दौर की बैठकें की है और सरकार चलाने के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार किया है. सरकार गठन के सिलसिले में ही शरद पवार आज सोनिया गांधी से मुलाकात कर रहे हैं.