Jamiat Ulema-e-Hind: राजधानी दिल्ली में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें आम अधिवेशन का आयोजन किया गया है. रविवार को इस अधिवेशन का आखिरी दिन है. अधिवेशन में जमीयत उलेमा भोपाल के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून ने लड़कियों की शिक्षा पर बात की और इशारों-इशारों में केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा. मोहम्मद हारून ने अधिवेशन में कहा कि जमीयत खास तौर पर लड़कियों के लिए तालीम की जरूरत और अहमियत पर तवज्जो करता है.


मोहम्मद हारून ने आगे कहा कि आज लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा, '(केंद्र सरकार के) बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारे का जमीन पर उतना असर नहीं हो रहा है, जितना होना चाहिए... ये जितना संजीदा होना चाहिए, उतना नहीं है.'


हारून ने अपने संबोधन में हिजाब विवाद को लेकर भी प्रतिक्रिया दी. जमीयत उलेमा भोपाल के अध्यक्ष ने कहा कि हाल ही में हिजाब की वजह से इनको (लड़कियों) तालीम से रोका गया. उन्होंने कहा, 'पढ़ाई करने से रोके जाने पर उनकी अखलाकी और दीनी जिंदगी पर असर पड़ता है.'


'लड़कियों की शिक्षा बहुत जरूरी है'


जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में दारुल उलूम देवबंद के शब्बीर अहमद कासमी ने भी हिस्सा लिया. यहां उन्होंने कहा कि लड़कियों की तालीम की बहुत जरूरत होती हैं. कासमी ने कहा, 'लड़कियां अगर तालिमयाफ्ता हों तो उससे पैदा होने वाली औलादें भी तालीमयाफ्ता होती हैं.'


'हम हिंदुस्तानी हैं, एक हैं'


अधिवेशन में असगर अली इमाम मेहंदी ने लोगों से आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि आज हमारा मुल्क और इंसानियत नाजुक घड़ी से गुजर रहा है, इसलिए लोगों को इकट्ठा होने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'फिर ये नारा लगाएं कि हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई-भाई... हम भटके हुए लोगों को वापस लाएंगे, हम हिंदुस्तानी हैं, एक हैं.'


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