Jamiat Ulema-e-Hind: आज 100 से ज्यादा जगहों पर होगा सद्भावना संसद का आयोजन, देंगे शांति और एकता का संदेश
Sadbhavna Program: आज होने वाले सद्भावना कार्यक्रमों का उद्देश्य सभी वर्गों के लोगों को एकजुट करना है और उनमें एकता की भावना का लाना है. संगठन ने देश की मौजूदा स्थिति के लिए इसे जरूरी बताया है.
Sadbhavna Program in India: जमीयत उलेमा ए हिन्द (Jamiat Ulema-e-Hind) आज देश के 14 राज्यों में 100 से ज्यादा सद्भावना कार्यक्रम का आयोजन करेगी. इन कार्यक्रमों का आयोजन लोगों में आपसी सद्भाव बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कार्यक्रम का नेतृत्व महमूद मदनी करेंगे. इस दौरान हर मजहब के धर्मगुरु मौजूद रहेंगे.
इससे पहले पिछले महीने 28 अगस्त को भी जमीयत उलेमा ए हिन्द की तरफ से ऐसे ही कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर देश के लगभग सभी बड़े शहरों दिल्ली, चेन्नई, पुणे, नागपुर, औरंगाबाद, बेंगलूरु, निजामाबाद, आदिलाबाद, लखनऊ, भोपाल और अन्य में आयोजित होने वाली सद्भावना संसदों में सभी धर्मों के गुरुओं ने भाग लिया था.
आपसी भाईचारे और प्रेम का संदेश
इन कार्यक्रमों के जरिए लोगों तक आपसी भाईचारे का संदेश पहुंचाया जाएगा. देश में बढ़ रही साम्प्रदायिकता और धार्मिक घृणा को मिटाने के लिए यह कदम उठाया गया है. लोगों को प्रेम का संदेश देने के लिए इन आयोजनों को अहम माना जा रहा है. संगठन ने ज्यादा से ज्यादा लोगों से कार्यक्रम में शिरकत की अपील की है.
सांप्रदायिक सौहार्द होगा मजबूत
देश में एक तरफ जहां हिंदू-मुस्मिल विवाद बढ़ रहे हैं तो वहीं, सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. इससे पहले मुस्लिम बुद्धिजीवियों और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बीच हुई बैठक में भी आपसी सदभाव को लेकर चर्चा हुई थी. यह मुलाकात सामुदायिक संबंधों के बीच आ रहे मतभेदों को दूर करने के लिए अहम मानी गई थी. इस दौरान सभी विवादों को दूर करने पर जोर दिया गया था.
इस कार्यक्रम में जाने माने धर्मगुरु और विद्धान भी शिरकत करेंगे. इस दौरान आपसी प्यार और भाईचारे को बढ़ाने के मकसद से कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. मोहन भागवत ने भी देश की प्रगति के लिए सांप्रदायिक सद्भाव को जरूरी बताया था. उनका कहना था कि ऐसी बैठकें होती रहनी चाहिए.
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