Jammer Technology System: दिल्ली की जेलों में जैमर सिस्टम को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा. इसके लिए दुनिया में मौजूद सबसे बेहतरीन तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा. सबसे बेहतरीन जैमर सिस्टम का अध्ययन करने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कमेटी के गठन को बुधवार को मंजूरी दे दी. डीजी जेल की अध्यक्षता में आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर, आईआईएससी बंगलुरु के प्रोफेसर, डीआरडीओ के वैज्ञानिक, सी डॉट के कर्मचारी, आईबी और एसपीजी के अधिकारी कमेटी में सदस्य होंगे. यह कमेटी दिल्ली सरकार को जेलों में 5G समेत संपूर्ण नेटवर्क की जैमर व्यवस्था लागू करने का तकनीक सुझाएगी.
सरकार को भेजा गया था प्रस्ताव
दरअसल, दिल्ली की जेलों में जैमर व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उच्च स्तरीय तकनीकी समिति के गठन के लिए कारागार विभाग से प्रस्ताव भेजा गया था. केजरीवाल सरकार को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया कि डीजी (कारागार) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय तकनीकी समिति का गठन किया जा सकता है. यह कमेटी जैमिंग समाधान तलाशेगी और उनका परीक्षण करेगी. इसके जरिए पता लगाया जाएगा कि नई तकनीक जेल परिसर में कॉल, SMS और डेटा सेवाओं को ब्लॉक करने में कितनी प्रभावी है.
सीएम ने कमेटी के गठन को मंजूरी दी
इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने कमेटी के गठन को बुधवार को मंजूरी दी. यह कमेटी 5G नेटवर्क को ब्लॉक करने के लिए तकनीकी का अध्ययन करेगी और समाधान बताएगी. इस दस सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष डीजी जेल अजय कश्यप होंगे. इसके अलावा कमेटी में आईआईएससी बेंगलुरु प्रो. ए चौकालिंगम, सी-डॉट जॉइंट वायरलैस सुखपाल सिंह, आईआईटी मद्रास प्रो. देवेंद्र जलिहाल, डीआरडीओ वैज्ञानिक मनीष कुमार, सी-डॉट ग्रुप लीडर ब्लूमैक्स स्टीफन, सी-डॉट ग्रुप लीडर देवदास बी, सी-डॉट टीम लीडर संदीप अग्रवाल, आईबी जॉइंट डेप्युटी डायरेक्टर एकेपी पांड्या, एसपीजी एसएसओ टेक संतोष कुमार कमेटी शामिल हैं.
कमेटी के यह होंगे प्रमुख कार्य
- मौजूदा मोबाइल नेटवर्क का अध्ययन करना और जेलों के अंदर अनधिकृत मोबाइल संचार को रोकने के लिए तकनीक का निर्धारण करना
- तकनीकी अध्ययन के आधार पर जेलों में मोबाइल नेटवर्क प्रतिबंधित करने के लिए समाधान की सिफारिश करना
- 5G मोबाइल नेटवर्क के लिए समाधान तलाशना
- जेल के आसपास स्थापित बीटीएस टावरों के लिए तकनीकी दिशानिर्देश प्रस्तावित करना