जम्मू: कश्मीर घाटी में बुधवार शाम बीजेपी नेता वसीम बारी, उनके पिता और भाई की हत्या ने केंद्र शासित प्रदेश में राजनेताओं की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. बीते चार वर्षों में कश्मीर घाटी में यह बीजेपी के तीसरे बड़े नेता की हत्या है. वहीं बीजेपी के अलावा हाल ही में कांग्रेस नेता की भी हत्या हुई थी, जबकि अन्य दलों के नेताओं पर भी आतंकवादी जानलेवा हमले कर चुके हैं.


पहले भी हो चुकी BJP नेताओं की हत्या


केंद्र में सत्ता में आने के बाद से बीजेपी लगातार आतंकवादग्रस्त कश्मीर को आतंकमुक्त करने के साथ ही घाटी में अपनी राजनीतिक और संगठनात्मक गतिविधियां बढ़ा रही है. बीजेपी कश्मीर में न केवल अपनी राजनीतिक ज़मीन तैयार कर रही है, बल्कि वहां के स्थानीय नेताओं को तैयार कर घाटी से राष्ट्रवाद की आवाज़ भी उठाने के लिए काम कर रही है.


हालांकि, बीजेपी को पिछले चार सालों में इसका नुकसान भी उठाना पड़ा है. 2 नवंबर 2017 को आतंकियों ने कश्मीर के शोपियां में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्क्षय गौहर भट्ट का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी. वहीं, 4 मई 2019 को आतंकियों ने कश्मीर अनंतनाग ज़िले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता गुल मोहम्मद मीर की हत्या कर दी थी.


बीजेपी ने किया विरोध प्रदर्शन


प्रदेश बीजेपी अपने आतंकवादियों की इन कार्यवाहीयो को उनकी बौखलाहट का नतीजा मान रही है. बीजेपी का दावा है कि कश्मीर घाटी में जिस तरह से आतंक का खात्मा हो रहा है आतंकी उससे घबरा गए हैं.


पार्टी ने गुरुवार को इस हत्या के विरोध में पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ प्रदर्शन भी किया. वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें मौत के घाट उतारा जाएगा.


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