जम्मू एयफोर्स स्टेशन ब्लास्ट: एक धमाके से छत को पहुंचा नुकसान, दूसरे ने जमीन में किए गड्ढे
बेहद सुरक्षित माने जाने वाले जम्मू एयर फोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को दो धमाके हुए. जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, ये धमाके लो इंटेंसिटि के थे. डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक, जो दो धमाके हुए उसमें पेलोड के साथ ड्रोन के इस्तेमाल की आशंका है.
जम्मू: जम्मू शहर के बीचों-बीच बसा अति संवेदनशील और अति सुरक्षित जम्मू एयर फोर्स स्टेशन शनिवार और रविवार की दरमियानी रात दो धमाकों से गूंज उठा. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू एयर फोर्स स्टेशन में हुए धमाकों में इस्तेमाल हुई विस्फोट सामग्री को ड्रोन गिराने की आशंका जताई है.
जम्मू शहर के अति संवेदनशील और अति सुरक्षित माने जाने वाले जम्मू एयर फोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को दो धमाके हुए. जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक किए दोनों धमाके लो इंटेंसिटी के थे, जिसमें एयरफोर्स में तैनात दो जवानों को चोटे आई है. इन धमाकों के बाद न केवल जम्मू एयर फोर्स स्टेशन बल्कि इसके साथ सटा हुआ जम्मू एयरपोर्ट और उसके साथ बसे इलाकों में अफरा-तफरी फैल गई.
सुबह होते-होते सेना जम्मू कश्मीर पुलिस अर्धसैनिक बलों और एयरफोर्स की कई टीमें और अधिकारी घटनास्थल का जायजा लेने के लिए पहुंचे. चश्मदीदों के मुताबिक, जिस जगह यह धमाके हुए वह टेक्निकल एरिया का हिस्सा थे और एक धमाके से जहां इस एरिया में बनी एक इमारत की छत को नुकसान पहुंचा वहीं दूसरे धमाके से इस एरिया में खाली पड़ी जमीन में गड्ढे हो गए. इस धमाके के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ-साथ नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की टीम और स्पेशल फोर्सेज की एक टीम भी मौके पर पहुंची, जो इस घटना से जुड़े हुए पहलू की जांच में लग गई.
वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक, जम्मू एयरपोर्ट में जो दो धमाके हुए उसमें पेलोड के साथ ड्रोन के इस्तेमाल की आशंका जताई गई. डीजीपी के मुताबिक, जो विस्फोटक सामग्री एयरफोर्स स्टेशन में गिराई गई उसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है. वहीं, इस जांच में लगी एजेंसियों की मानें तो अगर इस हमले में ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है तो वह ड्रोन सीमा पार से नहीं बल्कि इस एयरफोर्स स्टेशन के आसपास से ही किसी इलाके से उड़ाया गया है.
जांच एजेंसियों के मुताबिक, एयर फोर्स के सबसे पास वाली सीमा आरएस पुरा है जो यहां से करीब 18 किलोमीटर की एरियल डिस्टेंस पर है. जांच एजेंसियों के मुताबिक, इस 18 किलोमीटर की दूरी के बीच कई एजेंसी तैनात हैं और उन एजेंसियों की नजर से इस ड्रोन का बचना नामुमकिन है. ऐसे में पाकिस्तान ने अपने किसी आतंकी को इस ड्रोन को एयर फोर्स स्टेशन के पास से ही उड़ाने की हिदायत दी होगी. उधर लद्दाख के दौरे पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर जम्मू के एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले की जानकारी ली.
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