जम्मू: जम्मू एयरफोर्स स्टेशन ब्लास्ट मामले में एनआईए ने दो संदिग्ध को हिरासत में लिया है. इन दोनों को जम्मू के बेलीचारना इलाके से पकड़ा गया है. दोनों पर आतंकी संगठनों को मदद करने का आरोप है और पूछताछ जारी है. माना ये जा रहा है कि इनसे कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं.


एटीसी और MI-17 हेलीकॉप्टर थे टारगेट


इस मामले में एक बड़ी जानकारी ये भी सामने आ रही है कि इनके निशाने पर दो बेहद अहम टारगेट थे. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) और MI-17 हेलीकॉप्टर इस ड्रोन हमले के टारगेट थे. यानी हमले में ड्रोन ने अपने असली टारगेट को मिस कर दिया. जानकारी के मुताबिक, एक ड्रोन में करीब पांच किलो टीएनटी विस्फोटक था. दूसरे ड्रोन में इससे कम वजन का विस्फोटक मौजूद था. अभी तक माना यही जा रहा है कि हमले में ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है. बता दें कि पिछले लंबे वक्त से पाकिस्तान भारत के खिलाफ इसी तरह के ड्रोन का इस्तेमाल करता आ रहा है.


एयर चीफ मार्शल ने घायल जवानों से की बात


इस बीच इस हमले में घायल जवानों से एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया से फोन पर बात की. एयर चीफ मार्शल अभी बांग्लादेश में हैं. इस ड्रोन धमाके में दो जवान मामूली रूप से घायल हुए हैं. इंडियन एयरफोर्स ने अपने बयान में कहा कि दोनों जवान निगरानी में हैं और ठीक हैं.


जिस जगह पर ये धमाका हुआ वो एयरफोर्स स्टेशन का टेकनिकल एरिया था. ये वो हिस्सा है जहां पर न सिर्फ एयर ट्रैफिक कंट्रोल है बल्कि वहां पर एमआई हेलीकॉप्टर और दूसरे ऐसे उपकरण हैं जिनसे एयर सर्विलांस की जाती है.


रविवार सुबह से ही एनआईए, जम्मू पुलिस और स्पेशल फोर्सेज के जवान सारे घटनाक्रम की जांच कर रहे हैं. एनआईए ने इसी एयरफोर्स स्टेशन से लगने वाले बेलीचारना इलाके से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है. इन दोनों को टेटर आउटफिट्स का ऑपरेटर बताया जाता है. यानी ये आतंकी संगठनों के लिए काम कर रहे हैं.


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