जम्मू: जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले की जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि जिस ड्रोन से स्टेशन आर हमले को अंजाम दिया उसको हमले के हिसाब से डिज़ाइन किया गया था. इस ड्रोन का वजन कम करने और इसे दूर तक उड़ाने के लिए उसमें फाइबर का इस्तेमाल किया गया था.


जम्मू एयरपोर्ट स्टेशन पर हुए हमले को लेकर जांच एजेंसियों ने एबीपी न्यूज़ को कुछ अहम जानकारियां दी हैं. इस जांच में जुटी एजेंसियों के मुताबिक जिस ड्रोन से एयरपोर्ट स्टेशन पर हमले को अंजाम दिया गया उनका वजन घटाने और फ्लाइट टाइम बढ़ाने के लिए इन ड्रोन्स को खास तौर पर असेम्बल किया गया था.


कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया


जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक उनमें मुख्य तौर पर कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया था. गौरतलब है कि कार्बन फाइबर का वजन काफी कम होता है जिससे ड्रोन का वजन घटाने के लिए लगाया गया था ताकि ड्रोन लंबी उड़ान भर सके. जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि इस ड्रोन को चीन में बने कुछ उपकरणों से भी लैस किया गया था.


जिस जगह से ड्रोन को उड़ाया गया वह पाकिस्तान सीमा पर ही कहीं है- सूत्र


सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि अब तक की जांच में पता चला है कि जिस जगह से ड्रोन को उड़ाया गया वह पाकिस्तान सीमा पर ही कहीं है. हालांकि, सूत्रों ने अभी उस लोकेशन का खुलासा नहीं किया है जहां से इस ड्रोन को उड़ाया गया. वहीं, सूत्रों ने यह भी बताया है कि इस ड्रोन को उड़ाते और लैंडिंग के समय इसे मैन्युअली हैंडल किया गया और एयर फोर्स स्टेशन पर हमले को अंजाम देने के लिए जीपीएस का इस्तेमाल किया गया था.


सूत्रों ने एबीपी न्यूज को बताया है कि एयर फोर्स स्टेशन पर हमले को आजम देने के लिए ड्रोन्स में ढेड़ से दो किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था. जांच एजेंसियों के मुताबिक फिलहाल इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है.


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