मॉनिटेरिंग स्कूल की संयुक्त टीम ने दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट एवेरेस्ट पर की चढ़ाई
टीम सदस्यों में जवाहर इंस्टीट्यूट के कर्नल अमित बिषित, हवलदार मोहमद इक़बाल खान, हवलदार चन्दर नेगी और महफूज़ ईलाही थे. जबकि नेशनल इंस्टीट्यूट के हवलदार अनिल कुमार और दीप साही इसका हिस्सा बने.
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देश के दो नामी मॉनिटरिंग स्कूल की संयुक्त टीम ने दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट एवरेस्ट एवेरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की. यह संयुक्त अभियान नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मॉनटरिंग (NIM) और कश्मीर स्थित जवाहर इंस्टिट्यूट ऑफ़ मौन्टेनेररिंग एंड वारफेयर स्कूल (JIM&WS) ने मिलकर पूरा किया. टीम के दो सदस्य दक्षिण कश्मीर से है.
जानकारी के मुताबिक, जानकारी के मुताबिक JIM&WS और NIM की आयुक्त टीम ने माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) की चोटी पर जून 1 को सुबह 6:20 मिनट पर झंडा लहराया. टीम की अगुवाई जवाहर इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल Col I S Thapa, SM, VSM, MiD, कर रहे थे और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ माउंटेनीरिंग के प्रिंसिपल Col Amit Bisht, SM, सेकंड इन कमांड थे.
टीम के अन्य सदस्यों में कश्मीर घाटी से जुड़े दो जवानों समेत 6 पर्वतारोही और 5 शेरपा भी शामिल थे. टीम सदस्यों में जवाहर इंस्टीट्यूट के कर्नल अमित बिषित, हवलदार मोहमद इक़बाल खान, हवलदार चन्दर नेगी और महफूज़ ईलाही थे जबकि नेशनल इंस्टीट्यूट के हवलदार अनिल कुमार और दीप साही इसका हिस्सा बने.
इस अभियान को दिल्ली से 1 अप्रैल 2021 को हरी झंडी दिखाई गयी थी और टीम एवेरेस्ट के बेस कैंप (5364m) पर 12 अप्रैल को पहुंची थी. 5364 मीटर ऊंचाई पर बने बेस कैंप पर - acclimatization के बाद टीम ने सब से पहले Mt Lobuche east (6119m) को 24th April को पार किया.
Mt Lobuche east (6119m) को नेपाल में हिमालय की सब से कठिन चोटी माना जाता है और इस पर पहली बार देश के दो मॉनटेरिंग इंस्टिट्यूट और तिरंगा फहराया गया. लेकिन 10 दिन के अंदर एक के बाद एक दो चक्रवाती तूफानों के चलते एवेरेस्ट पर आने वाले बर्फीले तूफानों में काफी तेज़ी आयी थी जिसके कारण काफी ज़ायदा मुश्किलों का सामना करना पड़ा. पहाड़ पर इस बार काफी ज्यादा बर्फबारी भी हुई जिससे कई बार चोटी पर चढ़ने की कोशिशों को स्थगित करना पड़ा.
लेकिन कोरोना के चलते आये बदलावों से टीम को सबसे ज्यादा मुश्किलें हुई क्योंकि महामारी के चलते नेपाल में भी पर्वतारोहियों के लिए काफी ज्यादा प्रतिबंद लगाए गए है. अधिकारियों के अनुसार यह अभियान 2020 में प्लान किया गया था. लेकिन उस समय भी कोरोना लॉकडाउन के चलते इस को पूरा नहीं किया जा सका था. लेकिन इस बार कर्नल थापा की अगुवाई में टीम ने सफलता के साथ अभियान पूरा किया.
कर्नल थापा इससे पहले 2007 में नार्थ फेस से एवेरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुके हैं जिसके बाद उनको सेना ने विशिस्त सेवा मैडल से भी सम्मानित किया गया था. टीम के सदस्य आज रात एवेरेस्ट बेस कैंप पर गुज़ार कर कल वापस लौटेगी.
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