Jammu And Kashmir: धारा 370 (Article 370) हटने के 3 साल बाद एबीपी न्यूज जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) पहुंचा है. जहां पर उसने राज्य के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा (Manoj Sinha)  से बातचीत कर कश्मीर में शांति, सुरक्षा और वहां की प्रशासनिक स्थिति को जानना और समझना चाहा. आइये जानते हैं उन्होंने क्या कहा...




एबीपी न्यूज ने जब एलजी मनोज सिन्हा से तीन साल में उनसे उनकी तीन उपलब्धियों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि 370 हटने के बाद कश्मीर के गवर्नेंस में ट्रांसपेरेंसी बढ़ी है. पीस, प्रॉस्पेरिटी और डेवलपमेंट बढ़ाने की कोशिश की गई है. जम्मू कश्मीर में एक बड़ा समूह भारत के नागरिक अधिकारों से वंचित था लेकिन उन सारे लोगों को अब वह अधिकार मिल रहे हैं.


सभी को मिल रही हैं सामाजिक सुरक्षा योजनाएं
मनोज सिन्हा ने आगे कहा कि सोशल सिक्योरिटी स्कीम जैसी योजनाएं लगभग सभी नागरिकों को मिल रही हैं. लोकतंत्र के लिहाज से पंचायती राज व्यवस्था पूरे देश में लागू है लेकिन जम्मू कश्मीर के लोग उससे वंचित थे. उन्होंने कहा कि 370 हटने के बाद पहली बार हमने फंड, फंक्शन और फंक्शनरीज पंचायती राज व्यवस्था को ट्रांसफर कर दिये हैं. 


जैसा घुड़सवार, वैसा ही होता है घोड़ा


वहीं ब्यूरोक्रेसी क्या रुकावट पैदा करती है को लेकर पूछे गये सवाल पर उपराज्यपाल ने कहा कि घुड़सवार जैसा होता है, घोड़ा वैसा ही चलता है. उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी उनका पूरा सहयोग कर रही है बाकी समाज में हर तरह के लोग हैं.  


जम्मू कश्मीर में कब होंगे चुनाव?
जम्मू कश्मीर में कब चुनाव होंगे इसके बारे में बोलते हुए मनोज सिन्हा ने कह कि इसके बारे में तो चुनाव आयोग ही बता पाएगा. उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह की बात को दोहराते हुए कहा कि राज्य में डिलिमिटेशन फर्स्ट, देन इलेक्शन एंड देन स्टेटहुड.


उन्होंने आगे कहा कि डिलिमिटेशन का काम हम कश्मीर में पूरा कर चुके हैं. वोटर लिस्ट 2015 की है. आने वाले दिनों में चुनाव होने हैं इसलिए चुनाव आयोग नये मतदाताओं को वादी में जोड़ने का काम कर रहा है. वहीं संवैधानिक पद और संस्था को लेकर पूछे गये सवाल पर उपराज्यपाल ने कहा कि मैं खुद संवैधानिक पद पर बैठा हुआ व्यक्ति हूं. संवैधानिक पदों पर बैठे हुए व्यक्ति या संवैधानिक संस्थाओं पर टिप्पणी करने का अधिकार मुझे नहीं है. 


विपक्षी नेताओं की नजरबंदी पर क्या बोले उपराज्यपाल?
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि कोई भी राजनीतिक कार्यकर्ता इस समय घाटी में नजरबंद नहीं है. मैं पूरी जिम्मेदारी से यह बात कह रहा हूं कि कोई भी राजनीतिक कार्यकर्ता जो किसी आपराधिक प्रक्रिया में शामिल नहीं है हम उसको नजरबंद भी करेंगे, जेल भी भेजेंगे. उन्होंने कहा कि हमने ऐसे लोगों को पहले भी जेल भेजा है और आगे भी जेल भेजेंगे.


टारगेट किलिंग पर क्या बोले एलजी?
टारगेट किलिंग पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि घाटी में हो रही हिंसा को टारगेट किलिंग के रूप में देखना गलत है. कोई भी व्यक्ति जब मारा जाता है तो वो किसी न किसी धर्म, किसी न किसी संप्रदाय से आता है. लेकिन अगर इंसान मारा जाता है तो इंसान की जान जाता है. 


शांति खरीदेंगे नहीं, स्थापित करेंगे
यह सही है कि कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में टारगेटेड किलिंग की जा रहीं हैं जिनका उद्देश्य हमारी सुरक्षा एजेंसियों को आवेश में लाना है जिससे वह कोई गलत उठा लें. हम हमारे पड़ोसी को उसकी साजिश में कामयाब नहीं होने देंगे. दिल्ली में बैठी सरकार शांति खरीदारी नहीं वह शांति स्थापित करेंगे.


मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने कहा कि सीमांत राज्यों (Border State) में चुनाव होने चाहिए और जरूर होने चाहिए लेकिन इसके साथ ही वहां के नेताओं को केंद्र सरकार का सहयोग भी करना चाहिए.


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