J&K: क्लास-4 पदों के लिए 92 हजार लोगों ने किया आवेदन, धारा 370 हटाए जाने के बाद पहली बड़ी स्पेशल रिक्रूटमेंट ड्राइव
नियम के नियुक्ति केवल लिखित परीक्षा के आधार पर होनी है. चौथी श्रेणी की सभी सरकारी नौकरियों के लिए इंटरव्यू को खत्म कर दिया गया है.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरियों के लिए नए दिशा निर्देश जारी होने के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर हो रही नियुक्तियों के लिए आवेदन करने का सिलसिला जारी है. प्रदेश भर में अब तक 92 हज़ार लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया है. बता दें कि ये नियुक्तियां केवल क्लास-4 श्रेणी में होने वाली हैं. धारा 370 हटाए जाने के बाद यह पहली विशेष भर्ती है जो जम्मू कश्मीर में हो रही है.
जम्मू कश्मीर सर्विसेज सिलेक्शन बोर्ड के अनुसार धारा 370 के हटाए जाने के बाद नियुक्तियों के लिए बदले गए नियम के मुताबिक यह आवेदन लिए जा रहे है जिनमें सभी नियुक्ति केवल लिखित परीक्षा के आधार पर होनी है. चौथी श्रेणी की सभी सरकारी नौकरियों के लिए इंटरव्यू को खत्म कर दिया गया है.
सर्विसेज सिलेक्शन बोर्ड के अनुसार प्रदेश भर में इस नियुक्ति में 8575 पोस्ट हैं जो जिला, संभागी और प्रदेश स्तर में अलग-अलग विभागों में हैं. अधिकारियों के अनुसार जनवरी के महीने में यह प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस में पांच महीने की देरी हो चुकी है. इसलिए जून महीने में इस विशेष भर्ती के लिए दोबारा आवेदन किया गया जिस में बड़ी संख्या में युवा आवेदन कर रहे हैं.
अधिकारियों के अनुसार अभी तक बोर्ड की वेबसाइट पर 92 हजार 100 उम्मीदवारों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है जबकि 34 हजार 550 ने अपने आवेदन भी पूरे करके दाखिल कर दिए हैं. इन नौकरियों के लिए आवेदन को पूरा करने की प्रक्रिया 10 जुलाई को शुरू हुई थी और केवल पांच दिनों में ही इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने पंजीकरण करा लिया है.
पिछले साल धारा 370 के हटाए जाने के बाद यह राज्य प्रशासन में होने वाली पहली बड़ी स्पेशल रिक्रूटमेंट ड्राइव है जिसमें ना सिर्फ जम्मू-कश्मीर के निवासी आवेदन कर सकते हैं पर साथ-साथ वे लोग भी आवेदन के लिए योग्य हैं जिनको नए कानून के तहत डोमिसाइल सर्टिफिकेट के जरिए प्रदेश की मूल नागरिकता मिल गई है.
डोमिसाइल कानून के तहत अभी तक 50 हज़ार से जायदा लोगों को जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी के तोर पर नागरिकता मिल चुकी है और करीब दो लाख आवेदन अभी-अभी विभिन जिलों के अधिकारियों के पास आ चुके हैं. इन में ज्यादातर वाल्मीकि समाज, पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी और गोरखा फौजी हैं जो आज़ादी से पहले से जम्मू कश्मीर में महाराजा के बुलावे पर यहां आकर बसे थे.
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