जम्मू: जम्मू कश्मीर प्रशासन के हाल ही में चुने डीडीसी सदस्यों के लिए जारी किए गए ऑर्डर ऑफ मेरिट को लेकर बवाल खड़ा हो गया है. राज्य में हाल ही में चुने गए इन सदस्यों ने इस ऑर्डर को अपने साथ किया गया अब भद्दा मजाक बताया है.
जम्मू कश्मीर में हाल ही में संपन्न हुए डीडीसी चुनाव में जीत कर आए वाइस चेयरमैन और चेयरमैन अब सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. दरअसल, जम्मू कश्मीर सरकार ने हाल ही में इन चुने हुए सदस्यों को लेकर एक और ऑर्डर ऑफ मेरिट जारी किया है. जिसमें डीडीसी चेयरमैन को एमएलए से नीचे रखा गया है और अन्य सदस्यों को डीसी के बराबर का पद दिया गया है.
इसके साथ ही इस आर्डर में सरकार ने चुने हुए डीडीसी चेयरमैन का वेतन 35000 रखा है. सरकार द्वारा जारी किए गए इस आर्डर ऑफ मेरिट को लेकर अब प्रदेश के सभी चुने हुए सदस्य सरकार के खिलाफ इकट्ठा हो गए हैं. मंगलवार को जम्मू में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के एलजी मनोज सिन्हा ने आना था जहां पिछले 2 साल में हुए विकास का लेखा-जोखा जारी किया जाना था.
इसी कार्यक्रम में प्रदेश भर के डीडीसी सदस्यों को भी बुलाया गया था लेकिन इस ऑर्डर ऑफ मेरिट के जारी होने पर यह सभी चुने हुए सदस्य सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए. हाल ही में चुने गए डीडीसी चेयरमैन का दावा है कि एक सरकारी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की तनख्वाह 40,000 से ऊपर है जबकि उन्हें महज 35000 रुपये महीना दिया जा रहा है.
इसके साथ ही इन सदस्यों ने कहा कि इस आर्डर ऑफ मेरिट में उनके प्रोटोकॉल का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया है. इन सदस्यों ने आरोप लगाया कि सरकार ने यह चुनाव करा कर इन के साथ भद्दा मजाक किया है.
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